नई दिल्ली:- संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। बजट सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “जब चुनाव का समय निकट होता है तब पूर्ण बजट नहीं रखा जाता है। हम भी उसी परंपरा का पालन करते हुए नई सरकार बनने के बाद पूर्ण बजट आएंगे। इस बार दिशा-निर्देशक बातें लेकर देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल हम सबके सामने बजट पेश करने वाली हैं। मुझे विश्वास है कि देश नित्य प्रगति की नई-नई ऊंचाइयों को पार करते हुए आगे बढ़ रहा है।”
मैं आशा करता हूं कि गत 10 वर्ष में जिसको जो रास्ता सुझा उस प्रकार से संसद में सब ने अपना अपना कार्य किया। जिनको आदतन हुड़दंग करने का स्वभाव बन गया है। जो आदतन लोकतांत्रिक मूल्यों का चीरहरण करते हैं। ऐसे सभी सांसद आत्मनिरीक्षण करें कि 10 साल में उन्होंने जो किया अपने संसदीय क्षेत्र में भी 100 लोगों से पूछ लें किसी को याद नहीं होगा। किसी को नाम भी पता नहीं होगा। लेकिन जिसने सदन में उत्तम विचारों से संसद को लाभान्वित किया होगा। उन्हें एक बहुत बड़ा वर्ग आज भी याद करता होगा इसकी सराहना करते होंगे।
इस नए संसद भवन में जो पहला सत्र हुआ था उसके आखिर में इस संसद ने एक बहुत ही गरिमापूर्ण फैसला लिया था जो नारी शक्ति वंदन अधिनियम था। उसके बाद 26 जनवरी को भी हमने देखा किस प्रकार से देश ने कर्तव्य पथ पर नारी शक्ति के सामर्थ्य-शौर्य को अनुभव किया और आज बजट सत्र का आरंभ हो रहा है तब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का मार्गदर्शन और कल निर्मला सीतारमण द्वारा अंतरिम बजट, एक प्रकार से नारी शक्ति के साक्षात्कार का पर्व है।