नई दिल्ली :- हम पौराणिक काल में नरभक्षी राक्षसों के बारे में पढ़ते और सुनते थे कि वे जिंदा मनुष्यों को मार कर उनका मांस खा जाया करते थे। लेकिन हम आपको बता दें कि ऐसा कलयुग में भी हुआ है। 13 अक्टूबर 1972 की वह घटना आज भी इतिहास में दर्ज है। लेकिन इस घटना का जिक्र हम आज इसलिए कर रहे हैं क्योंकि इस घटना के 60 दिन बाद यानी 23 दिसंबर के दिन ही इस घटना में जीवित बचे 16 लोग दुनिया के सामने आये थे। उनकाे रेस्क्यू टीम ने 10 दिन तक बर्फ की चट्टानों के बीच खोजा।
आइये जानते हैं 13 अक्टूबर के दिन हुआ क्या था?
इतिहास में 13 अक्टूबर की घटना को एंडीज प्लेन क्रैश के नाम से जाना जाता हैं। यह घटना इतनी भयानक थी कि लोग जब इसे याद करते हैं तो आज भी सिहर उठते हैं। इस घटना में जीवित बचे लोगों ने जिंदा रहने के लिए अपने ही साथी लोगों को मारकर खा गये। जानकारी के अनुसार आज से उरुग्वे एयरफोर्स की उड़ान संख्या 571 एक रग्बी टीम और उनके कुछ दोस्तों को लेकर चिली के रवाना हुई थी। उड़ान में 45 यात्री और चालक दल के 5 लोग सवार थे। जब विमान एंडीज पर्वत के ऊपर पहुंचा तो खराब मौसम के कारण क्रैश हो गया।
हादसे में 22 लोगों की हुई थी मौत
जानकारी के अनुसार विमान अपने चिली से 60-70 किमी. दूर था। इस दौरान जैसे ही वह नीचे उतरने लगा तो वह पहाड़ से टकरा गया। जानकारी के अनुसार विमान जब नीचे उतरा तो उसकी गति 350 किमी. प्रति घंटे थी। विमान जब नीचे गिरा तो ग्लेशियर होने के कारण नीचे फिसल गया। विमान के क्रैश होने के बाद चालक दल के 3 सदस्यों और 9 यात्रियों की तुरंत मौत हो गई। इसके बाद अगले 60 दिनों में 13 और यात्रियों की मौत ठंड और अन्य कारणों से हो गई।