पटना ( बिहार):- बिहार में सुशासन बाबू की सरकार में छोटे-छोटे बच्चे झोपड़ीनुमा सरकारी School में पढ़ने को विवश हैं। सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार जहां शिक्षा के लिए लाखों, करोड़ो रुपये खर्च करने की बात कह रही है,वहीं जमीनी हक़ीक़त कुछ और ही बयां कर रहा है।
यह अनोखा School साल में दो महीने पूरी तरह बारिश के कारण बाधित रहती है। वहीँ शिक्षा विभाग के मानक के मुताबिक इस विधालय में शिक्षक की कमी है।जबकि दो सौ छात्रों को मात्र दो शिक्षक ही पढ़ाते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस स्कूल में पढ़ाई बिलकुल नहीं होती है। जिससे हमारे गाँव के बच्चों का भविष्य अन्धकारमय हो रहा है।ग्रामीणों की मांग है कि गाँव में जल्द एक पक्के भवन का निर्माण हो ताकि बच्चे बिना किसी बिघ्न बाधा के School में शिक्षा प्राप्त कर सकें।
वहीं पूरे मामले में पंचायत के मुखिया का कहना है की इस विधालय के पास अपनी कोई जमीन नहीं है,और इसी वजह से यहां भवन बनाना मुश्किल हो रहा है। हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि हमलोग School के लिए जमीन की तलाश कर रहे हैं,जमीन मालिक से बात चल रही है। जमीन के मालिक अगर विद्यालय के नाम पर जमीन दान में देते हैं, तो जल्द ही भवन निर्माण का काम पूरा कर लिया जाएगा,और बच्चे सही से शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे।
वहीं स्कूल शिक्षक का कहना है कि इस सिलसिले में स्कूल की ओर से संबंधित अधिकारी को सूचित किया जा चुका है,बावजूद सरकार और विभागीय अधिकारी नज़र अंदाज कर रहे हैं।
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