मीरजापुर (उत्तर प्रदेश):- असाढ़ महीने के बाद आधा सावन भी बीत जाने पर बरसात न होने के कारण क्षेत्र सूखे की चपेट में आ गया है। डाली गयी नर्सरी भी अब सूखने की कगार पर आ गयी है। डैम में पानी भी नदारद है। किसानों के माथे पर चिन्ता की लकीरें देखी जा रही है। सूखे की वजह से किसान की बड़ी समस्याएं।
खेतों में बोई गयी सब्जियां पानी ना गिरने की वजह से सूख रही हैं। मण्डियों में सब्जियां की आमदनी कम होने से सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं। पशुओं के लिए चारे के लाले पड़ गये हैं। भूसे का दाम भी आसमान छू रहा है। पशुपालक पशुओं को पालने में असहजता महसूस कर रहे हैं। दूध के दाम भी पहले की अपेक्षा बढ़ा हुआ है। आसमान से पानी की जगह आग बरसने से डाली गयी नर्सरी और खेत की सब्जियां झुलस रही है। किसान आसमान की तरफ टकटकी लगाये रोज बरसात के इन्तजार में बैठा है।
चरो तरफ के झरने भी सूख गये हैं। किसान यूनियन ने अहरौरा डैम को सोनलिफ्ट से भरने की मांग कर रही है। पशुओं को पीने के पानी की भी किल्लत हो गयी है। यूनियन के लोगों ने सरकार से क्षेत्र को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की है। सूखे के कारण इसका असर बाजार पर भी पड़ा हुआ है। लोग बहुत आवश्यक की ही वस्तु खरीद रहे हैं। सूखे का असर अब गाॅव के बाद शहर में दीखने लगा है।