काहिरा:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिस्र की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर काहिरा पहुंचे। उनके यहां पहुंचने से एक दिन पहले भारतीय राजदूत अजीत गुप्ते ने कहा था कि मिस्र में हर कोई भारतीय संस्कृति से प्रभावित है और वे दशकों से बॉलीवुड फिल्में देख रहे हैं। उन्होंने कहा था, ‘वे जानते हैं कि भारत और मिस्र ने गुट निरपेक्ष आंदोलन के लिए मिलकर काम किया था। वे अभी भी महात्मा गांधी और साद जगलौल के बीच घनिष्ठ मित्रता को याद करते हैं।’ गुप्ते ने कहा कि मिस्र के लोग भारत के करीब रहना चाहते हैं। वे हमारी संस्कृति और हमारे पारिवारिक मूल्यों के साथ बहुत निकटता से जुड़े हुए हैं।
प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति सीसी के साथ बातचीत के अलावा मिस्र सरकार के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों और कुछ प्रमुख हस्तियों व भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करेंगे। भारत और मिस्र के बीच संबंध प्राचीन व्यापार और आर्थिक संबंधों के साथ-साथ सांस्कृतिक और गहरी जड़ें रखने वाले लोगों के बीच संबंधों पर आधारित हैं। जनवरी 2023 में राष्ट्रपति सीसी की राजकीय यात्रा के दौरान संबंधों को ‘रणनीतिक साझेदारी’ तक बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की गई थी।
मोदी रविवार को अल-सीसी से वार्ता करेंगे और दोनों प्रमुख देशों के बीच रणनीति भागीदारी को गति देने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। काहिरा में अपने प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री ‘हेलियोपोलिस कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव सीमेट्री’ का दौरा करेंगे, जो एक पवित्र स्थल है और प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मिस्र और फलस्तीन में सेवा करने वाले और शहीद हुए भारतीय सेना के लगभग 3,799 सैनिकों की याद में बनाया गया स्मारक है।
इसके अलावा पीएम मोदी यहां दाऊदी बोहरा समुदाय की मदद से बहाल की गई 11वीं सदी की अल-हाकिम मस्जिद का भी दौरा करेंगे। मस्जिद का निर्माण फातिमिद वंश के शासन के दौरान किया गया था। भारत में बोरा समुदाय वास्तव में फातिमिद वंश से उत्पन्न हुआ था और उन्होंने 1970 के दशक से मस्जिद का नवीनीकरण किया। पीएम मोदी इस यात्रा के दौरान भारतीय समुदाय से भी मुलाकात करेंगे।
प्रधानमंत्री काहिरा में ‘हेलियोपोलिस कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव सीमेट्री’ का दौरा करेंगे, जो एक पवित्र स्थल है और प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मिस्र तथा फलस्तीन में सेवा करने वाले एवं शहीद हुए भारतीय सेना के लगभग 4,000 सैनिकों की याद में बनाया गया स्मारक है। मोदी दाऊदी बोहरा समुदाय की मदद से बहाल की गई 11वीं सदी की अल-हकीम मस्जिद का भी दौरा करेंगे।
दो देशों की यात्रा पर जाते समय मोदी ने 20 जून को कहा था, ‘‘मैं किसी करीबी और मैत्रीपूर्ण देश (मिस्र) की पहली राजकीय यात्रा करने को लेकर उत्साहित हूं।” उन्होंने यह भी कहा था, ‘‘हमें इस वर्ष देश के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति सीसी का स्वागत करने का सौभाग्य मिला।
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