नई दिल्ली :- गुरुवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली नाबालिग पहलवान की प्राथमिकी रद्द करने की मांग की गई।
पाक्सो मामले में बृजभूषण शरण सिंह को बड़ी राहत मिली
दिल्ली पुलिस की तरफ से पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल 550 पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया कि नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोप में कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले।
बृजभूषण के खिलाफ इस केस में कोई सबूत नहीं मिले
दिल्ली पुलिस की तरफ से पॉक्सो मामले में पटियाला हाऊस कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई है। इस रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने की तरफ से कहा गया है कि उनके खिलाफ इस केस में कोई सबूत नहीं मिले। इसलिए हम इस मामले की जांच बंद कर रहे हैं।
अदालत ने पुलिस रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए मामले की अगली सुनवाई 4 जुलाई तय की है
दिल्ली पुलिस ने कहा कि पॉक्सो मामले में जांच पूरी होने के बाद हमने शिकायतकर्ता यानी पीड़िता के पिता और खुद पीड़िता के बयानों के आधार पर मामले को रद्द करने का अनुरोध करते हुए सीआरपीसी की धारा 173 के तहत एक पुलिस रिपोर्ट प्रस्तुत की है। नाबालिग रेसलर के आरोप पर एक प्राथमिकी यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज की गई थी।
मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में नाबालिग पहलवान के पिता की तरफ से दावा किया गया कि उन्होंने डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न की ‘झूठी’ शिकायत दर्ज कराई थी।
नाबालिग पहलवान के पिता ने कहा कि वो अपनी बेटी के खिलाफ डब्ल्यूएफआई प्रमुख के पक्षपातपूर्ण रवैये से आहत और इसी वजह से ये आरोप लगाया था। डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों पर दिल्ली पुलिस ने आज 15 जून को राउज एवेन्यू कोर्ट में 1000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर दी है।
दिल्ली पुलिस की PRO सुमन नलवा ने बताया कि हमने बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ धारा 354, 354-A एवं D के अंतर्गत चार्जशीट दाखिल की है और विनोद तोमर के ख़िलाफ़ धारा 109, 354, 354 (A), 506 के ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर की है। हमने POCSO में शिकायतकर्ता और कथित आरोपी के बयान के तहत कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल की है।