लखनऊ( उत्तर प्रदेश):-आज लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी बोर्ड, सीबीएसई और अन्य बोर्डों के मेधावी छात्रों को सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने केन्द्र और राज्यस्तरीय बोर्ड परीक्षाओं में अच्छे नंबर्स पाने वाले हाई स्कूल और इंटरमीडिएट के 1 हजार 745 मेधावी छात्रों का सम्मानित किया। सम्मानित छात्रों को मूंगफली योगी ने उन्हें टैबलेट दिया।
18 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के भवनों और 125 विज्ञान प्रयोगशालाओं का लोकार्पण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया
मेधावी छात्रों के उज्ववल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि “नकल” मेहनत कर रहे छात्र पर डकैती डालने का एक प्रयास होता है। नकल के माफिया समाज व देश के लिए सबसे बड़े दुश्मन है। ऐसे दुश्मनों को चिन्हित करके उनका सामाजिक बहिष्कार करना चाहिए। इसके साथ ही प्रशासन को उनके साथ सख्ती से निपटना चाहिए।
लखनऊ में बुधवार को आयोजित मेधावी छात्रों को सम्मानित करने के कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के यूपी, सीबीएसई, आईसीएसई समेत सभी बोर्डों के प्रदेश स्तर के मेरिट से जुड़े मेधावी छात्रों को प्रदेश स्तर पर व जिला स्तर के मेरिट से जुड़े मेधावी छात्रों को जनपद स्तर पर सम्मानित किया जा रहा है।
सीएम योगी ने मेधावी छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की
माध्यमिक शिक्षा से जुड़े विद्यालयों का शुभारंभ हो रहा है। जिन विद्यालयों में पहले से लैब बनी है उनका लोकार्पण हुआ है।सीएम योगी ने कहा कि किसी भी राज्य के बोर्ड से बड़ा उत्तर प्रदेश का माध्यमिक शिक्षा बोर्ड है। यहां करीब 56 लाख छात्र छात्राएं हाई स्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा में हिस्सा लेते हैं। योगी ने कहा आज से 6 वर्ष पहले जब बोर्ड की परीक्षाएं होती थी तब नकल के कारण यूपी बोर्ड बदनाम होता था।
इसके साथ ही एक लंबा समय परीक्षाओं में व्यतीत होता था। पहले तीन तीन महीने तक परीक्षाएं होती थी। तीन महीने परीक्षा और दो से तीन महीने परिणाम आने में लग जाते थे और तीन महीने प्रवेश में लग जाते थे इस तरह 12 महीने में 9 महीने तो इसी सब में चले जाते थे। बचे तीन महीने पर्व और त्योहार में बीत जाते थे इस वजह से पठन पाठन कम होता था।
सीएम योगी ने कहा कि परीक्षा का मतलब छात्र छात्राओं को परेशान करना नहीं होता है। यह उनके सामान्य मूल्यांकन का आधार होता है। हमारी सबसे पहली शर्त नकलविहीन परीक्षा की थी सीएम ने कहा कि प्रश्न पत्र इतना कठिन नहीं होना चाहिए कि परीक्षक को स्वयं उत्तर ना आता हो।
प्रश्न हमेशा समान प्रकृति के होने चाहिए
धीरे धीरे शुरुआत हुआ नकल बंद होती गई। उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही दिन कहा था कि अगर नकल कही सामूहिक रूप से हो रही है तो सेंटर डिबार होगा। लेकिन हम छात्रों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे। विद्यालय प्रबंधक, प्रिंसिपल, जिला विद्यालय निरीक्षक इसके लिए जिम्मेदार लहराए जाएंगे। इसी के तहत एक जिला विद्यालय निरीक्षक को जेल भेजना पड़ा था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा ने 15 दिन के अंदर परीक्षा और 14 दिन के भीतर परिणाम का लक्ष्य प्राप्त किया है। उन्होंने कहा देश में पहली बार किसी बोर्ड ने ऐसा किया है। यूपी बोर्ड के परिणाम आने के बाद सीबीएसई व अन्य बोर्डों के नतीजे आए हैं। परिणाम समय से आने से अब सत्र समय से शुरू होगा।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा 365 दिन का शैक्षिक कलेंडर तैयार कर अधिक से अधिक समय छात्रों को दें। कैसे आगे बढ़ना है इसे भी देखे। डिग्री व सर्टिफिकेट पाने के लिए नहीं बल्कि सम्पूर्ण निर्माण का भी माध्यम बनना चाहिए। शिक्षक समय पर विद्यालय जाए और क्लास लें। जहां शिक्षकों की कमी है वहां नई तैनाती की व्यवस्था हो। जब तक नई भर्ती नहीं हो जाती तब तक रिटायर्ड शिक्षकों के माध्यम से उस कमी को पूरा करे। उन्हें निश्चित मानदेय देकर उनसे पठन-पाठन का कार्य कराए। साइंस, मैथ्स, इंग्लिश इनसे जुड़े शिक्षक जरूर हो। माध्यमिक व बेसिक शिक्षा ने 1 लाख 62 हजार शिक्षकों की चयन प्रक्रिया पूरी की।
सीएम योगी ने कहा कि हर जनपद में अभ्योदय कोचिंग की व्यवस्था कर रही है। अभ्योदय कोचिंग नीट और आईआईटी जेई की भी तैयारी करा रहा है। इस कोचिंग में फिजिकली व मैनुअली व्यवस्थाएं दी गई है। इस बार आईएएस परीक्षा में 23 छात्र अभ्योदय कोचिंग के सफल हुए हैं वहीं पीसीएस की परीक्षा में 98 बच्चों ने अभ्योदय कोचिंग करके परीक्षा पास की है। पहले बच्चों को महंगे कोचिंग संस्थानों में जाना पड़ता था। कोचिंग के लिए उत्तर प्रदेश से बाहर जाना पड़ता था।
अभ्योदय का शाब्दिक अर्थ सांसारिक उत्कर्ष होता है यानी जहां से सांसारिक उत्कर्ष का मार्ग प्रशस्त हो। यह कोचिंग संस्थान भी उसी प्रकार से है। इन कोचिंगों में आईएएस, पीसीएस के बच्चे को पढ़ाने का काम जिलों में तैनात ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, सीडीओ या एडिशनल एसपी व एसपी अधिकारी कर रहे हैं। अन्य में भी उस फील्ड से जुड़े जो सफल लोग है वो छात्रों को पढा रहे हैं। जिन बच्चों को टैबलेट व स्मार्ट फोन दे रहे हैं उन्हें शासन की योजनाओं के बारे में पता चले इसलिए इसे वितरित किया जा रहा है।
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