वाराणसी से डॉक्टर मनीष सिंह की स्पेशल रिपोर्ट
वाराणसी (उत्तर प्रदेश):- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी काशी तमिल संगमम में बोले, देश में संगमों का बड़ा महत्व रहा है। नदियों और धाराओं के संगम से लेकर विचारों-विचारधाराओं, ज्ञान-विज्ञान और समाजों-संस्कृतियों के संगम का हमने जश्न मनाया है। इसलिए काशी तमिल संगमम् अपने आप में विशेष है, अद्वितीय है। एक ओर पूरे भारत को अपने आप में समेटे हमारी सांस्कृतिक राजधानी काशी है, तो दूसरी और, भारत की प्राचीनता और गौरव का केंद्र, हमारा तमिलनाडु और तमिल संस्कृति है। ये संगम भी गंगा यमुना के संगम जितना ही पवित्र है। काशी और तमिलनाडु दोनों शिवमय हैं, दोनों शक्तिमय हैं। एक स्वयं में काशी है, तो तमिलनाडु में दक्षिण काशी है।कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी दो लाइन बोल कर रूक रहे है फिर दुभाषियां इसे तमिल में अनुवाद कर रहा है।
काशी तमिल संगमम का औपचारिक शुभारंभ शनिवार को हुआ। बीएचयू के एंफीथिएटर मैदान में आयोजित समारोह का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने वणक्कम और हर हर महादेव बोलकर काशी और तमिलनाडु का नाता जोड़ा। काशी और तमिलनाडु की प्राचीनता, संस्कृति, धार्मिक महत्व, अध्यात्म, रीति रिवाज आदि की चर्चा की। कहा कि काशी और तमिलनाडु दोनों संगीत, साहित्य और कला के केंद्र हैं। दोनों ही जगह ऊर्जा और ज्ञान के केंद्र हैं।
आज भी तमिल विवाह परंपरा में काशी यात्रा का जिक्र होता है। यह तमिलनाडु के दिलों में अविनाशी काशी के प्रति प्रेम है। यही एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना है जो प्राचीन काल से अब तक अनवरत बरकरार है। इस दौरान पीएम मोदी ने इशारों में पूर्व की सरकारों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हमें आजादी के बाद हजारों वर्षों की परंपरा और इस विरासत को मजबूत करना था, इस देश का एकता सूत्र बनाना था, लेकिन दुर्भाग्य से इसके लिए बहुत प्रयास नहीं किए गए। काशी तमिल संगमम इस संकल्प के लिए एक प्लेटफॉर्म बनेगा और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए ऊर्जा देगा।