वाराणसी: सावन महीने के पहले दिन भक्त काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा करने पहुंचे। लोगकाशी में यादव बंधुओं ने काशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक किया. मान्यता है 1932 में काशी में भीषण अकाल पड़ा था. जीव जंतु सभी कोई इस अकाल से जूझ पर दिखाई दिए थे और बारिश की कोई संभावना नहीं थी. तब ऋषि-मुनियों के कहने पर यादव समाज के लोगों ने बाबा विश्वनाथ को जल अर्पित किया था और काशी में भारी बारिश हुई थी और अकाल से मुक्ति मिली थी, तभी से यह परंपरा अनवरत रूप से चली आ रही है और यादव बंधु इस परंपरा का निर्वहन आज भी करते आ रहे हैं।