नई दिल्ली :- दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव हर बार चर्चा में रहते हैं क्योंकि यहां से निकले कई चेहरे आगे चलकर राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी भूमिका निभाते हैं। इस बार अध्यक्ष पद पर आर्यन मान की जीत ने एक नया संदेश दिया है। उनकी जीत के पीछे कई कारकों का योगदान रहा जिनमें युवाओं की भागीदारी सोशल मीडिया की सक्रियता और सांस्कृतिक जुड़ाव सबसे महत्वपूर्ण रहे।
आर्यन मान को मिली जीत में हरियाणवी गायिका मासूम शर्मा के गानों ने माहौल को ऊर्जा से भर दिया। चुनावी दौर में गीत संगीत और स्थानीय सांस्कृतिक रंग युवाओं को आकर्षित करने का बड़ा माध्यम बने। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगातार चलाए गए अभियानों ने उम्मीदवार की छवि को मजबूती दी और एक बड़े वर्ग को सीधे तौर पर जोड़ने का काम किया।
दिल्ली सरकार की भूमिका भी इस चुनाव में परोक्ष रूप से सामने आई। मुफ्त शिक्षा योजनाएं और छात्रों के हित में चलाई गई नीतियां युवा मतदाताओं को प्रभावित करती रही हैं। हालांकि छात्र राजनीति में सीधे सरकारी हस्तक्षेप को लेकर सवाल उठते रहे हैं लेकिन माहौल बनाने में सरकारी योजनाओं की छाप दिखी।
इस चुनाव ने यह साफ कर दिया कि अब केवल छात्र संगठनों की जमीनी पकड़ ही पर्याप्त नहीं है बल्कि तकनीकी साधनों का उपयोग और सांस्कृतिक अपील भी जीत का रास्ता तैयार करती है। जेन जेड मतदाता भावनाओं और ट्रेंड्स से प्रभावित होकर तेजी से निर्णय लेते हैं। यही कारण रहा कि आर्यन मान ने पारंपरिक प्रचार से आगे बढ़कर नए माध्यमों का सही समय पर इस्तेमाल किया और चुनावी मुकाबले में बढ़त हासिल की।
इस परिणाम ने छात्र राजनीति में सोशल मीडिया और युवा संस्कृति की अहमियत को और अधिक स्थापित कर दिया है और आने वाले वर्षों में यह रुझान और भी मजबूत होता दिखेगा।
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