नई दिल्ली:- भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल के तहत, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के रत्न श्रेणीकरण के लिए नई तकनीक अपनाने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तैनाती को नए बेंचमार्क के रूप में शामिल करने की योजना बनाई जा रही है। इससे पीएसयू को अपनी तकनीकी क्षमता और नवाचार को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
नई नीति के उद्देश्य
इस नई नीति का उद्देश्य पीएसयू को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना और उन्हें नवाचार तथा तकनीकी उन्नति के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके तहत पीएसयू को अपनी तकनीकी क्षमता और एआई तैनाती के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा।
रत्न श्रेणीकरण के मानक
वर्तमान में पीएसयू को महारत्न, नवरत्न और मिनीरत्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है जिनके अलग-अलग मानक हैं:
– महारत्न: औसत वार्षिक टर्नओवर 25,000 करोड़ रुपये से अधिक, औसत वार्षिक निवल मूल्य 15,000 करोड़ रुपये से अधिक और औसत वार्षिक शुद्ध लाभ 5,000 करोड़ रुपये से अधिक।
– नवरत्न: मिनीरत्न श्रेणी-I के पीएसयू जो लगातार तीन वर्षों से लाभ कमा रहे हैं और जिनका निवल मूल्य सकारात्मक है।
– मिनीरत्न: पीएसयू जो लगातार तीन वर्षों से लाभ कमा रहे हैं और जिनका निवल मूल्य सकारात्मक है।
नई तकनीक अपनाने और एआई तैनाती के लाभ
नई तकनीक अपनाने और एआई तैनाती से पीएसयू को कई लाभ हो सकते हैं:
– बेहतर दक्षता: एआई और नई तकनीक की मदद से पीएसयू अपनी प्रक्रियाओं को स्वचालित कर सकते हैं और अपनी दक्षता में सुधार कर सकते हैं।
– बेहतर निर्णय लेना: एआई की मदद से पीएसयू डेटा विश्लेषण कर सकते हैं और बेहतर निर्णय ले सकते हैं।
– वैश्विक प्रतिस्पर्धा: नई तकनीक अपनाने और एआई तैनाती से पीएसयू वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकते हैं।
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