खरगोन (मध्य प्रदेश):- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कसरावद तहसील के ग्राम लेपा में आयोजित तीन दिवसीय ग्रामीण प्रौद्योगिकी राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित किया। यह सम्मेलन निमाड़ अभ्युदय संस्थान द्वारा आयोजित किया गया था। उन्होंने भगवान श्री कृष्ण के आदर्शों और गोपालन पर जोर देते हुए कहा कि गांवों का विकास गोपालन और ग्रामीण तकनीक के माध्यम से ही संभव है। मुख्यमंत्री ने गौधन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह हमारी पुरातन संस्कृति और खेती की आत्मा है।
मुख्यमंत्री ने सम्मेलन की सराहना करते हुए कहा कि इस दौरान हुई चर्चाओं से निकले विचार गांवों में तकनीकी विकास को नई दिशा देंगे। उन्होंने संस्थान की संचालक भारती दीदी की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने 19 साल पहले शिक्षा के जो प्रयास शुरू किए थे वे अब एक बड़े वटवृक्ष के रूप में दिख रहे हैं। डॉ. यादव ने ऐसे प्रयासों को अन्य संस्थानों द्वारा भी अपनाने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि विश्व के 200 से अधिक देशों में उथल-पुथल के बावजूद भारत की स्थिति सशक्त बनी हुई है। उन्होंने भारत के लोकतांत्रिक ढांचे युवाओं की जनसंख्या और आर्थिक प्रगति का जिक्र करते हुए कहा कि ब्रिटेन को पीछे छोड़ भारत अब विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने माकड़खेड़ा से पीपलगोन रोड पर टिगरियाव से बम्हनगांव के बीच वेदा नदी पर पुल बनाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने संत सियाराम बाबा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने गीता जयंती के दिन सूर्योदय के समय देह त्याग किया। मुख्यमंत्री ने बाबा के आशीर्वाद की कामना करते हुए ग्रामीण विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। इस सम्मेलन का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी विकास को बढ़ावा देना और ग्रामीण जीवन को आसान बनाना था। इसमें विभिन्न तकनीकी विशेषज्ञों और ग्रामीण विकास से जुड़े लोगों ने भाग लिया।