नई दिल्ली:- आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) ने बड़ा राजनीतिक निर्णय लिया है। पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट साझा करते हुए ऐलान किया कि उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी और सभी 70 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। अरविंद केजरीवाल ने अपनी पोस्ट में लिखा दिल्ली के लोग हमारी ताकत हैं और हम उनके भरोसे के साथ अकेले दम पर चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि गठबंधन को लेकर जो अटकलें चल रही थीं वे निराधार थीं।
मंगलवार रात को I.N.D.I.A गठबंधन के नेताओं की एक बैठक हुई थी जिसमें सीटों के बंटवारे पर चर्चा की गई। सूत्रों के अनुसार दोनों दलों के बीच दिल्ली की सीटों को लेकर सहमति नहीं बन पाई। इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने यह निर्णय लिया। दिल्ली चुनाव की तैयारियों में आम आदमी पार्टी पहले ही दो सूची जारी कर चुकी है। सोमवार (9 दिसंबर) को पार्टी ने 20 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की थी। इससे पहले नवंबर में 11 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी हुई थी। पार्टी का दावा है कि वे जनता से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता देंगे और अपने काम के दम पर चुनाव जीतेंगे।
2015 के विधानसभा चुनावों में AAP ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया था और 70 में से 67 सीटें जीतकर सत्ता में आई थी। भाजपा को केवल तीन सीटों पर संतोष करना पड़ा जबकि कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। 2020 के चुनाव में भी AAP ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 62 सीटें हासिल की थीं।
केजरीवाल के इस ऐलान के बाद दिल्ली की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है जबकि भाजपा ने इसे विपक्ष की कमजोरी करार दिया है। दिल्ली विधानसभा चुनावों की घोषणा भले ही अभी नहीं हुई हो लेकिन राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। AAP का अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय आने वाले दिनों में दिल्ली की राजनीति पर गहरा असर डाल सकता है।