मुंबई (महाराष्ट्र):-अडानी समूह पर रिश्वत के आरोप लगने से कनाडा के एक बड़े पब्लिक पेंशन मैनेजर की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अमेरिकी अभियोजकों ने आरोप लगाया है कि अडानी समूह के अधिकारियों ने सौर ऊर्जा अनुबंधों के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए साजिश रची। इस साजिश को अमेरिकी निवेशकों से छिपाया गया था।
अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने कनाडा के पेंशन मैनेजर सीडीपीक्यू के तीन पूर्व कर्मचारियों – सीरिल काबानेस सौरभ अग्रवाल और दीपक मल्होत्रा के साथ मिलकर रिश्वत देने की साजिश रची। इन तीनों पर विदेशी भ्रष्टाचार विरोधी कानून का उल्लंघन करने का आरोप है।
यह मामला कनाडा के पेंशन मैनेजर्स के लिए एक बड़ी चुनौती है क्योंकि उन्हें अपने निवेशकों के पैसे की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। सीडीपीक्यू ने एक बयान में कहा है कि वह इस मामले की जांच कर रहा है और आवश्यक कार्रवाई करेगा।
अडानी समूह पर रिश्वत के आरोप लगने से भारत में भी राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह अडानी समूह को बचाने की कोशिश कर रही है।
इस मामले की जांच अमेरिकी अभियोजकों द्वारा की जा रही है। यदि अडानी समूह पर आरोप साबित होते हैं, तो यह भारतीय कॉर्पोरेट जगत के लिए एक बड़ा झटका होगा।
अडानी समूह पर आरोपों का इतिहास
अडानी समूह पर आरोपों का इतिहास काफी लंबा है। पिछले साल अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह पर शेयर मार्केट में हेराफेरी करने का आरोप लगाया था। इस आरोप के बाद अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट आई थी।
इसके अलावा अडानी समूह पर पर्यावरण और मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप भी लगे हैं। पिछले साल अडानी समूह की एक कंपनी पर ऑस्ट्रेलिया में एक नदी में प्रदूषण फैलाने का आरोप लगाया गया था।
अडानी समूह पर रिश्वत के आरोप लगने से भारतीय कॉर्पोरेट जगत में एक बड़ा तूफान खड़ा हो गया है। यदि आरोप साबित होते हैं तो यह अडानी समूह के लिए एक बड़ा झटका होगा। इस मामले की जांच अमेरिकी अभियोजकों द्वारा की जा रही है और इसके परिणाम भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण होंगे।