नई दिल्ली:- दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय की उस याचिका को स्वीकार कर लिया है जिसमें कथित मनी लॉन्ड्रिंग आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निचली अदालत के जमानत आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन की पीठ ने 20 जून को निचली अदालत द्वारा दिए गए अरविंद केजरीवाल के जमानत आदेश पर रोक लगा दी। पीठ ने 21 जून को एजेंसी द्वारा निचली अदालत के फैसले को चुनौती दिए जाने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था, जिसे फैसले तक रोक दिया गया है। इस बीच न्यायालय ने मुख्य मामले की सुनवाई जुलाई के लिए तय कर दी है, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय ने मामले में अरविंद केजरीवाल को नियमित जमानत देने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी।
सीएम केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनाव प्रचार के लिए 1 जून तक दी गई अंतरिम जमानत की अवधि पूरी होने के बाद 2 जून को तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण किया था। दिल्ली की नई आबकारी नीति 2021/22 को बनाने और उसके क्रियान्वयन में घोटाले के आरोपों के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 20 जुलाई, 2022 को मामले में CBI जांच की सिफारिश की थी। जिसके बाद 17 अगस्त 2022 को CBI ने शिकायत दर्ज की थी। जिसमें तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आरोपी नंबर 1 बनाया था।