विवेक मिश्रा की स्पेशल रिपोर्ट
सोनभद्र (उत्तर प्रदेश):- राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निर्देश के क्रम मे जिला बाल संरक्षण इकाई एवं चाईल्ड हेल्पलाइन यूनिट के संयुक्त टीम द्वारा नगवा ब्लाक के वैनी मार्केट, खलियारी मार्केट सहित विभिन्न स्थानो पर बाल भिक्षा वृत्ति एवं सड़क के किनारे कुडा कर्कट उठाने वाले बच्चो के चिन्हाकन और पुनर्वासन हेतु चलाया गया विशेष अभियान जिसमे चार बच्चो का चिन्हाकन कर परिवार मे पुनर्वासित करवाते हुए स्पान्सरशिप योजना से लाभान्वित कराये जाने हेतु टीम द्वारा बताया गया जिला बाल संरक्षण इकाई से ओ आर डब्ल्यू शेषमणि दुबे द्वारा बताया गया की अनाथ या आर्थिक रूप से कमजोर एकल अभिभावक वाले बच्चों को भी अब सामान्य बच्चों जैसा भविष्य संवारने का उचित अवसर “स्पॉन्सरशिप योजना” शुरू है।
जनपद में 101 जरूरतमंद बच्चों को इस योजना के तहत लाभ दिया जा रहा है इस योजना के तहत 1 से 18 साल तक के वह बच्चे पात्र होंगे, जिनके पिता की मृत्यु हो गई या, मां तलाकशुदा हैं, या परिवार से बहार निकाले गए हैं। माता-पिता या उनमें से कोई गंभीर, जानलेवा रोग से ग्रसित है। बेघर, अनाथ या विस्तारित परिवार के साथ रहने वाले बच्चे भी इसके पात्र होंगे।
इसके अलावा कानून से संघर्षरत मसलन बाल तस्करी, बाल विवाह, बाल वैश्यावृत्ति, बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति में शामिल बच्चे, किसी प्राकृतिक आपदा के शिकार, दिव्यांग, लापता या घर से भागे हुए। ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता या उनमें से कोई एक जेल में हैं वह भी इसके पात्र होंगे। साथ ही एचआइवी या एड्स से प्रभावित ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता आर्थिक, शारीरिक या मानसिक रूप से देखभाल के लिए असमर्थ हैं।
सहायता और पुनर्वास की आवश्यकता वाले बच्चे, फुटपाथ पर जीवनयापन करने वाले, प्रताड़ित, उत्पीड़ित या शोषित बच्चे भी पात्रता की श्रेणी में होंगे माता-पिता की मृत्यु पर आय सीमा की बाध्यता नहीं साथ ही बताये गया की आवेदक की पारिवारिक की आय ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार की अधिकतम आय 72 हजार रुपये वार्षिक और अन्य क्षेत्रों में अधिकतम आय 96 हजार रुपये वार्षिक होनी चाहिए।
पुनर्वास स्पांसरशिप में माता-पिता दोनों अथवा वैध संरक्षक की मृत्यु होने पर परिवार की अधिकतम आय सीमा की जरूरत नहीं है। आवेदन के लिए आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र, अभिभावक का मृत्यु प्रमाण पत्र, शिक्षण संस्थान में पंजीयन के प्रमाण पत्र की जरूरत होगी। योजना के लिए बच्चों की आर्थिक मदद के लिए जिला बाल संरक्षण इकाई कार्यालय सोनभद्र में आवेदन कराया जा सकता है। यह भी भी बताया की हम सभी को हर बच्चा मेरा बच्चा” के भाव के साथ समझनी होगी जिम्मेदारी।
चाईल्ड हेल्पलाइन यूनिट से परामर्शदाता अमन सोनकर एवं केस वर्कर बजरंग सिंह ने बताया की बाल विवाह, बाल श्रम, बाल तस्करी, सम्बन्धित जानकारी प्राप्त होती है तो तत्काल चाईल्ड हेल्पलाइन टोल फ्री नम्बर 1098 पर सूचित किया जा सकता है जिससे बच्चो को संरक्षण प्रदान कराया जा सके। टीम मे जिला बाल संरक्षण इकाई से ओ आर डब्ल्यू शेषमणि दुबे, चाईल्ड हेल्पलाइन यूनिट से केस वर्कर बजरंग सिंह, परामर्शदाता अमन सोनकर, सुपरवाईजर धर्मवीर सिंह, रविन्द्र सिंह, अनिल सिंह, सत्यम चौरसिया, अंशुगिरी, आदि उपस्थित रहे।
Deprecated: File Theme without comments.php is deprecated since version 3.0.0 with no alternative available. Please include a comments.php template in your theme. in /home/u754392520/domains/dastakhindustan.in/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114