हैदराबाद (तेलंगाना):- विधानसभा चुनाव में मिली शानदार जीत के बाद तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बन चुकी है। सीएम और डिप्टी सीएम के अलावा 11 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली है। हालांकि, विभागों का बंटवारा नहीं हुआ है। इसके बाद लोगों की नजर कांग्रेस की गारंटी पर है, जो विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य की जनता को दी गई थी। विधानसभा में संख्या बल बढ़ाने के लिए पर्दे के पीछे भी खेल चल रहा है। रेवंत रेड्डी सरकार अपनी सरकार की राजनीतिक स्थिरता को मजबूत करने की कोशिश में हैं। 119 सदस्यीय विधानसभा में उनके पास बहुमत से केवल पांच अधिक विधायक हैं।
तेलंगाना के सियासी जानकारों का कहना है कि बीआरएस की हार के बाद केसीआर की पार्टी के विधायक अब बेचैन महसूस कर रहे हैं। ऐसी चर्चा है कि वे कांग्रेस के साथ जाने के लिए तैयार हैं। आपको बता दें कि बीआरएस ने 2018 के विधानसभा चुनावों के बाद लगभग एक दर्जन कांग्रेस विधायकों को अपने पाले में कर लिया था। अब आने वाले समय में ‘रिवर्स प्ले’ देखने को मिल सकता है।
एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “हमारी सरकार की प्राथमिकता तेलंगाना के लोगों को एक सक्षम और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन प्रदान करना है। साथ ही चुनाव के दौरान हमने जो गारंटी दी है उसे लागू करना है। यह भी एक तथ्य है कि टीआरएस में फिलहाल बहुत निराशाजनक स्थिति है। इस पार्टी के कुछ निर्वाचित विधायक रचनात्मक सहयोग के लिए हमारे संपर्क में हैं।”
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