नोएडा (उत्तर प्रदेश):- मोनिंदर सिंह पंढेर रिहा होने के बाद ग्रेटर नोएडा की जेल से बाहर आए। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मोनिंदर सिंह पंढेर को 2006 के निठारी कांड के सिलसिले में बरी कर दिया था। उसे लेने के लिए उसका बेटा करमजीत सिंह और परिवार के कुछ और सदस्य आए हुए थे। जेल से निकलने के बाद वे लोग चुपचाप कहीं गुप्त स्थान के लिए निकल गए।
पंढेर के जेल से बाहर आने के बाद उसके ऊपर कोई हमला न कर दे इस बात को ध्यान में रखकर पुलिस विभाग ने पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की। जेल से निकलने के बाद पंढेर ने मीडिया से कोई बात नहीं की वह चुपचाप अपने बेटे के साथ गाड़ी में बैठकर रवाना हो गए। रिहाई का दूसरा परवाना गाजियाबाद के डासना जेल से आज नोएडा पहुंचा।
इसे कवर करने मीडिया भी बड़ी संख्या में जिला जेल के बाहर मौजूद रही। हालांकि निकलने के बाद पंढेर ने किसी से बात नहीं की। वह अपने वकील का हाथ पकड़कर जेल से बाहर आए फिर कार में बैठकर जेल से रवाना हो गए। सुरक्षा के तौर पर पुलिस के कुछ जवान भी उनके पीछे गए हैं।
नोएडा में निठारी गांव के 17 वर्ष पुराने जिस जघन्य कांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था, उसके अभियुक्तों मोनिंदर सिंह पंधेर और सुरेंद्र कोली को सजा दिलाने में अभियोजन नाकामयाब रहा।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को दोनों को निर्दोष करार देते हुए सीबीआइ कोर्ट गाजियाबाद द्वारा सुनाई गई फांसी की सजा को रद कर दिया।
सीबीआई कोर्ट ने पंधेर को दो और कोली को 12 मामलों में फांसी की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट ने कहा कि यदि किसी अन्य मामले में वांछित न हों तो दोनों अभियुक्तों को रिहा किया जाए। हाई कोर्ट ने 2010 से 2023 तक चली 134 सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया है।
न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र और न्यायमूर्ति एसएचए रिजवी की खंडपीठ ने फैसला 14 सितंबर को सुरक्षित कर लिया था। सीबीआइ के अधिवक्ता का कहना है कि निर्णय का अध्ययन करने के बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की जा सकती है।