Seemanchal बिहार:- बिहार के सीमांचल क्षेत्र में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। इस क्षेत्र में मुस्लिम आबादी की अधिकता है जो यहां की राजनीति को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सीमांचल के चार जिलों – पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार में मुस्लिम आबादी की संख्या अधिक है जो इस क्षेत्र की राजनीति को प्रभावित करती है।
एआईएमआईएम की मजबूत दावेदारी
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने सीमांचल क्षेत्र में अपनी मजबूत दावेदारी पेश की है। पार्टी के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सीमांचल क्षेत्र में अपनी पार्टी की जीत का दावा किया है। एआईएमआईएम ने 2020 के विधानसभा चुनावों में सीमांचल क्षेत्र की 24 सीटों पर चुनाव लड़ा था और पांच सीटों पर जीत हासिल की थी। हालांकि बाद में चार विधायक राजद में शामिल हो गए थे।
राजद की मजबूत स्थिति
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व में राजद ने सीमांचल क्षेत्र में अपनी मजबूत स्थिति बनाई हुई है। राजद ने इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए कई रणनीतियां बनाई हैं। राजद नेताओं का कहना है कि सीमांचल क्षेत्र में उनकी पार्टी की मजबूत स्थिति है और वे इस बार भी जीत हासिल करेंगे।
भाजपा की घुसपैठिया राजनीति
भाजपा ने सीमांचल क्षेत्र में घुसपैठिया मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है। भाजपा नेताओं का आरोप है कि सीमांचल क्षेत्र में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मुद्दा केवल चुनाव के समय उठाया जाता है और इसका उद्देश्य मुस्लिम आबादी को बदनाम करना है।






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