oil summit अबू धाबी:- धाबी में एक महत्वपूर्ण तेल सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें ओपेक+ देशों ने 2026 की पहली तिमाही के लिए उत्पादन वृद्धि रोकने का फैसला किया है। यह निर्णय बाजार में अधिक आपूर्ति की चिंताओं के कारण लिया गया है। ओपेक+ देशों ने रविवार को एक बैठक के बाद यह घोषणा की कि वे दिसंबर में उत्पादन में 137,000 बैरल प्रति दिन की वृद्धि करेंगे लेकिन जनवरी, फरवरी और मार्च 2026 में उत्पादन वृद्धि को “मौसमी कारणों” से रोक दिया जाएगा।
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ओपेक+ का निर्णय
ओपेक+ के इस निर्णय के बाद अबू धाबी में तेल सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें दुनिया भर के ऊर्जा विशेषज्ञ और अधिकारी शामिल हुए। इस सम्मेलन में ऊर्जा की मांग और आपूर्ति के मुद्दों पर चर्चा की गई। ओपेक+ के निर्णय को एक गणनात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है जिसका उद्देश्य कीमतों को स्थिर करना और बाजार में संतुलन बनाए रखना है। रिस्टेड एनर्जी के जॉर्ज लियोन ने कहा, “ओपेक+ एक गणनात्मक कदम उठा रहा है जिससे वह कीमतों को स्थिर कर सके और बाजार में संतुलन बनाए रख सके।”
बाजार पर प्रभाव
ओपेक+ के निर्णय के बाद ब्रेंट क्रूड की कीमतें लगभग 65 डॉलर प्रति बैरल पर स्थिर हैं। इससे पहले रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद ब्रेंट क्रूड की कीमतें 115 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थीं। अमेरिका और ब्रिटेन ने हाल ही में रूस पर नए प्रतिबंध लगाए हैं जिसमें रूस की तेल कंपनियों को निशाना बनाया गया है। इसका असर तेल की कीमतों पर भी पड़ा है।
अबू धाबी का महत्व
अबू धाबी इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण ऊर्जा केंद्र है और यह सम्मेलन ऊर्जा की मांग और आपूर्ति के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है। अबू धाबी की सरकार ने हाल ही में अपनी तेल उत्पादन क्षमता बढ़ाने की योजना की घोषणा की है जिसका उद्देश्य ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करना है। हालांकि सरकार ने यह भी कहा है कि वह स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भी काम कर रही है।






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