Mutual fund relief :- भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने निवेशकों के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है जिससे म्यूचुअल फंड निवेश अब और आसान हो गया है। सेबी के नए नियमों के अनुसार अब म्यूचुअल फंड यूनिट्स को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को ट्रांसफर करने के लिए डीमैट अकाउंट की आवश्यकता नहीं होगी। यह फैसला उन निवेशकों के लिए राहत लेकर आया है जो डीमैट अकाउंट की जटिल प्रक्रिया के कारण निवेश या ट्रांसफर में कठिनाई महसूस करते थे।
पहले म्यूचुअल फंड यूनिट्स को ट्रांसफर करने के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी था जिससे निवेशक को अतिरिक्त खर्च और समय दोनों झेलने पड़ते थे। लेकिन अब निवेशक आसानी से अपने फंड यूनिट्स को किसी दूसरे व्यक्ति को ट्रांसफर कर सकेंगे। इस बदलाव से पारंपरिक निवेशकों को भी लाभ होगा जो कागजी निवेश के माध्यम से अपने पोर्टफोलियो को संभालना पसंद करते हैं।
सेबी का यह कदम न केवल निवेशकों की सुविधा को बढ़ाएगा बल्कि बाजार में पारदर्शिता और भागीदारी को भी प्रोत्साहित करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे छोटे और मध्यम निवेशक वर्ग में म्यूचुअल फंड के प्रति विश्वास और रुचि में वृद्धि होगी। इसके साथ ही म्यूचुअल फंड कंपनियों को भी अपने ग्राहकों के लिए अधिक सरल और डिजिटल समाधान उपलब्ध कराने का अवसर मिलेगा।
सेबी का यह निर्णय भारतीय निवेश बाजार में एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है। इससे वित्तीय समावेशन को बल मिलेगा और देश में दीर्घकालिक निवेश संस्कृति को और मजबूती प्राप्त होगी। निवेशकों के लिए यह बदलाव न केवल सुविधा का प्रतीक है बल्कि वित्तीय स्वतंत्रता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।






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