Maithili aa gayi hai पटना:- बिहार की युवा गायिका नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच एक नए नाम की चर्चा हो रही है – मैथिली। यह 25 वर्षीय युवा गायिका अपने नए गीतों और सुरों से लोगों को आकर्षित कर रही है लेकिन क्या वे जाति के शोर को दबा पाएंगी? मैथिली बिहार के एक छोटे से गांव से ताल्लुक रखती हैं और उनका असली नाम अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। उन्होंने अपने गायन की शुरुआत स्थानीय मंचों से की थी और अब वे पूरे राज्य में अपनी पहचान बना रही हैं।
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नए सुर और नए गीत
मैथिली के गीतों में सामाजिक मुद्दों को उठाया जा रहा है जिसमें जाति, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे शामिल हैं। उनके गीतों में एक नई ऊर्जा और उत्साह है जो लोगों को आकर्षित कर रहा है। मैथिली का कहना है कि वे अपने गीतों के माध्यम से लोगों को जागरूक करना चाहती हैं और उन्हें सामाजिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए प्रेरित करना चाहती हैं।
जाति के शोर को दबाने की चुनौती मैथिली की इस नई पहल को जाति के शोर को दबाने की चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। बिहार में जाति एक बड़ा मुद्दा है और इसे लेकर अक्सर हिंसक झड़पें होती रहती हैं। मैथिली का कहना है कि वे जाति के शोर को दबाने के लिए अपने गीतों का उपयोग करना चाहती हैं और लोगों को एकजुट करने की कोशिश करना चाहती हैं।
आगे क्या?
मैथिली की इस नई पहल को लेकर लोगों में काफी उत्साह है और उनके गीतों को सोशल मीडिया पर भी काफी शेयर किया जा रहा है। अब देखना यह है कि मैथिली अपने गीतों के माध्यम से जाति के शोर को दबा पाती हैं या नहीं। एक बात तय है कि मैथिली की आवाज अब बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश में सुनाई दे रही है और उनकी इस पहल को लेकर लोगों में काफी उम्मीदें हैं।






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