ICMR study नई दिल्ली:- भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि हर नौवें व्यक्ति में संक्रामक रोग पाया गया है। यह अध्ययन अप्रैल से जून 2025 के बीच किया गया था जिसमें 2,26,095 नमूनों की जांच की गई थी।
संक्रामक रोगों की दर में वृद्धि
अध्ययन के अनुसार संक्रामक रोगों की दर में वृद्धि देखी गई है। जनवरी से मार्च 2025 के बीच 10.7% नमूने पॉजिटिव पाए गए थे जबकि अप्रैल से जून 2025 के बीच यह दर बढ़कर 11.5% हो गई। यह दर 0.8 प्रतिशत अंक की वृद्धि दर्शाती है, जो कि एक महत्वपूर्ण बदलाव है।
शीर्ष पांच रोगजनक
अध्ययन में पाया गया कि शीर्ष पांच रोगजनक हैं:
– इन्फ्लूएंजा ए: यह वायरस श्वसन संक्रमण (एआरआई) और गंभीर श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) के मामलों में पाया गया।
– डेंगू वायरस: यह वायरस तीव्र बुखार और रक्तस्रावी बुखार के मामलों में पाया गया।
– हेपेटाइटिस ए: यह वायरस पीलिया के मामलों में पाया गया।
– नोरोवायरस: यह वायरस तीव्र दस्त (एडीडी) के प्रकोपों में पाया गया।
– हर्पीस सिंप्लेक्स वायरस: यह वायरस एक्यूट एन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के मामलों में पाया गया।
अध्ययन के निष्कर्ष
आईसीएमआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि यह वृद्धि छोटी नहीं है और यह भविष्य में होने वाली महामारियों के लिए एक चेतावनी हो सकती है। उन्होंने कहा कि यदि हम तिमाही बदलावों को ट्रैक करते हैं तो हम भविष्य में महामारियों को रोक सकते हैं।
आईसीएमआर की भूमिका
आईसीएमआर ने इस अध्ययन के लिए वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरीज (वीआरडीएल) नेटवर्क का उपयोग किया 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 165 प्रयोगशालाएं शामिल हैं। यह नेटवर्क देश के लिए एक प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के रूप में कार्य करता है।






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