Health updates :- ऑस्ट्रिया के प्राकृतिक चिकित्सक रूडोल्फ ब्रेयूस ने 20वीं सदी में एक ऐसी अनोखी डाइट पद्धति विकसित की जिसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा। इस डाइट को “ब्रेयूस जूस डाइट” कहा जाता है। यह डाइट कुल 42 दिनों तक चलती है और इसमें केवल विशेष सब्जियों के रस का सेवन किया जाता है। ब्रेयूस का दावा था कि इस डाइट से शरीर के कैंसर कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
इस डाइट में ठोस भोजन पूरी तरह बंद कर दिया जाता है और केवल सब्जियों का रस जैसे चुकंदर, गाजर, मूली, अजवाइन और आलू का जूस लिया जाता है। ब्रेयूस का कहना था कि यह रस शरीर की जरूरतों को पूरा करता है और साथ ही खराब कोशिकाओं को भूखा रखकर उन्हें खत्म कर देता है। उनका मानना था कि शरीर को केवल वही देना चाहिए जिसकी उसे जरूरत हो ताकि वह खुद को प्राकृतिक रूप से ठीक कर सके।
हालांकि आधुनिक विज्ञान इस डाइट को संदेह की दृष्टि से देखता है। चिकित्सकों का कहना है कि लंबी अवधि तक ठोस भोजन न लेने से शरीर में पोषण की कमी हो सकती है। कुछ शोध यह भी बताते हैं कि केवल तरल आहार पर निर्भर रहना कमजोरी और अंगों के कार्य में असंतुलन पैदा कर सकता है।
इसके बावजूद बहुत से लोग इस डाइट को शरीर की सफाई और मानसिक शांति के लिए अपनाते हैं। ब्रेयूस जूस डाइट आज भी प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है क्योंकि यह शरीर और आत्मा दोनों को अनुशासन में रखने का संदेश देती है।






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