नई दिल्ली :- हाल ही में एक साइबर सुरक्षा प्लेटफॉर्म द्वारा सामने आई रिपोर्ट ने देश और दुनिया में डिजिटल सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। रिपोर्ट के अनुसार लगभग 183 मिलियन ईमेल अकाउंट्स के साथ उनके पासवर्ड भी ऑनलाइन लीक हो गए हैं। यह अब तक के सबसे बड़े डेटा लीक मामलों में से एक बताया जा रहा है जिससे लाखों लोगों की निजी जानकारी खतरे में पड़ गई है।
साइबर विशेषज्ञों के मुताबिक यह डेटा लीक किसी बड़े सर्वर या ऑनलाइन डेटाबेस के हैक होने के बाद हुआ है। इस लीक में न केवल ईमेल अकाउंट्स बल्कि उनसे जुड़े पासवर्ड और अन्य संवेदनशील जानकारी भी उजागर हुई है। इस तरह की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि इंटरनेट पर मौजूद कोई भी डेटा पूरी तरह सुरक्षित नहीं है।
विशेषज्ञों ने लोगों को सलाह दी है कि वे तुरंत अपने ईमेल और सोशल मीडिया खातों के पासवर्ड बदलें और टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन को सक्रिय करें ताकि सुरक्षा को मजबूत बनाया जा सके। साथ ही किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने या अज्ञात वेबसाइट पर जानकारी साझा करने से बचने की चेतावनी भी दी गई है।
डिजिटल युग में जहां अधिकतर काम ऑनलाइन माध्यम से किए जाते हैं वहीं इस प्रकार के डेटा लीक आम लोगों की गोपनीयता के लिए गंभीर खतरा बनते जा रहे हैं। सरकार और साइबर एजेंसियों से अपेक्षा की जा रही है कि वे इस मामले की जांच करें और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं।
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि तकनीक जितनी सुविधाएं देती है उतना ही सतर्क रहना भी जरूरी है ताकि व्यक्तिगत डेटा सुरक्षित रहे और साइबर अपराधियों से बचाव किया जा सके।






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