वाशिंगटन (अमेरिका):- अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए (C.I.A.) के पूर्व अधिकारी जॉन किरियाको ने एक बड़े खुलासे में बताया है कि साल 2001 में हुए भारतीय संसद हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हालात इतने तनावपूर्ण हो गए थे कि दोनों देशों के बीच युद्ध लगभग तय माना जा रहा था। उन्होंने कहा कि उस समय अमेरिका को भी यह आशंका थी कि दक्षिण एशिया में परमाणु संघर्ष हो सकता है क्योंकि दोनों देश लगातार सैन्य तैयारियां बढ़ा रहे थे।
जॉन किरियाको ने एक इंटरव्यू में बताया कि भारत की ओर से पाकिस्तान पर आतंकियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया गया था जबकि पाकिस्तान ने हमेशा इस बात से इनकार किया। सीआईए की रिपोर्टों के अनुसार उस समय आईएसआई के कुछ अधिकारियों के आतंकवादी संगठनों के साथ संपर्क थे जिससे स्थिति और भी गंभीर बन गई थी। उन्होंने कहा कि अमेरिका को डर था कि अगर दोनों देशों के बीच गोली चली तो यह युद्ध परमाणु स्तर तक पहुंच सकता है।
पूर्व अधिकारी ने यह भी बताया कि उस समय अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश और विदेश मंत्री कॉलिन पॉवेल लगातार दोनों देशों से संपर्क में थे ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे। अमेरिकी राजनयिकों की कोशिशों के बाद धीरे धीरे तनाव कम हुआ और युद्ध टल गया।
किरियाको ने अपने बयान में कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच अब भी कई मुद्दों पर मतभेद हैं लेकिन दोनों देशों के पास युद्ध के बजाय संवाद का रास्ता अपनाने का अवसर है। उन्होंने यह भी चेताया कि आतंकवाद और सीमा पार हिंसा जैसे मुद्दे अगर अनसुलझे रहे तो भविष्य में फिर से हालात बिगड़ सकते हैं।






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