DCGI regulations नई दिल्ली:- भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने उच्च जोखिम वाले सॉल्वैंट्स की आपूर्ति श्रृंखला पर नज़र रखने के लिए सख्त नियम लागू किए हैं। यह निर्णय हाल ही में हुए कफ सिरप संदूषण से जुड़ी सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर लिया गया है।
नए नियमों के तहत
नए नियमों के तहत, सॉल्वैंट्स के निर्माताओं को ऑनलाइन नेशनल ड्रग्स लाइसेंसिंग सिस्टम (ओएनडीएलएस) पोर्टल पर डिजिटल निगरानी रखनी होगी। इसके अलावा उन्हें प्रत्येक निर्मित बैच की मात्रा और विवरण के साथ-साथ उन वेंडरों की जानकारी भी देनी होगी जिन्हें सॉल्वैंट्स बेचे जाते हैं।
सख्त निगरानी
डीसीजीआई ने अपने आदेश में कहा है कि बिना ओएनडीएलएस पोर्टल पर पंजीकरण और लाइसेंस प्राप्त किए कोई भी सॉल्वैंट्स का निर्माण नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा, जिन निर्माताओं के पास पहले से ही लाइसेंस है उन्हें भी ओएनडीएलएस पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा और अपने उत्पादों की जानकारी देनी होगी।
सुरक्षा चिंताएं
यह निर्णय हाल ही में मध्य प्रदेश में कफ सिरप संदूषण के कारण 20 से अधिक बच्चों की मौत के बाद लिया गया है। इस संदूषण में डायथिलीन ग्लाइकोल (डीईजी) नामक एक जहरीले रसायन की मौजूदगी पाई गई थी।
ओएनडीएलएस पोर्टल
ओएनडीएलएस पोर्टल एक डिजिटल मंच है जो दवाओं और सौंदर्य प्रसाधनों के लाइसेंस और प्रमाण पत्र के लिए आवेदन प्रक्रिया को सरल और मानकीकृत करता है। यह पोर्टल केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा विकसित किया गया है।
नियमों का पालन
डीसीजीआई ने सभी निर्माताओं और वितरकों को इन नए नियमों का पालन करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा है कि जो भी व्यक्ति या कंपनी इन नियमों का उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।






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