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Dastak Hindustan - Chhath puja news :- छठ पूजा में रंगों का विशेष महत्व, पढ़ें दस्तक हिंदुस्तान का यह आर्टिकल

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Chhath puja news :- छठ पूजा में रंगों का विशेष महत्व, पढ़ें दस्तक हिंदुस्तान का यह आर्टिकल

Chhath puja news :-भारत में जब भी बात आती है आस्था और परंपरा की, तो छठ पूजा का नाम सबसे पहले लिया जाता है। ये पर्व न सिर्फ भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है बल्कि इसमें सजने-संवरने और सादगी भरे रंगों का भी खास महत्व होता है।

पहनावे में पवित्रता, शुद्धता और परंपरा झलके

छठ महापर्व सूर्य देव और छठी मइया को समर्पित होता है, इसलिए इस दौरान हर महिला अपने पहनावे में पवित्रता, शुद्धता और परंपरा को समेटे नजर आती है।

छठ पूजा पर आधुनिक फैशन और पारंपरिक लुक 

छठ पूजा के दौरान हर रंग, हर परिधान सिर्फ दिखावे का नहीं बल्कि एक भावना और प्रतीक का प्रतिनिधित्व करता है। अगर आप चाहें तो आधुनिक फैशन और पारंपरिक लुक का संगम बनाकर इस बार का छठ और भी खास बना सकती हैं।

 

-आइए आपको बताते हैं कि छठ पूजा में कौन से रंग शुभ माने जाते हैं और त्योहार के हर दिन के अनुसार आप कौन से आउटफिट्स चुन सकती हैं।

 

छठ पूजा में कौन से रंग शुभ माने जाते हैं और क्या पहनें-

 

छठ पूजा में रंगों का महत्व

 

छठ पूजा चार दिनों तक चलने वाला त्योहार है, नहाय-खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य। हर दिन के लिए कपड़ों और रंगों का अलग प्रतीकात्मक अर्थ होता है।

 

पीला रंग- ये सूर्य देव का प्रतीक है। ऊर्जा, सकारात्मकता और नए आरंभ का संकेत देता है।

 

लाल रंग- वैवाहिक जीवन, समृद्धि और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। विवाहित महिलाएं लाल या मरून रंग की साड़ी पहनना शुभ समझती हैं।

 

हरा रंग- ये जीवन, फसल और समृद्धि का प्रतीक है। इस रंग को पूजा के दौरान पहनने से घर में खुशहाली बनी रहती है।

 

नारंगी रंग- ये रंग तप, भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा से जुड़ा है।

सफेद या क्रीम कलर- ये सादगी और पवित्रता को दर्शाता है, जिसे पहले दिन के व्रत या खरना के दौरान पहना जाता है।

पहला दिन (नहाय-खाय का पारंपरिक अंदाज)

छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय से होती है। इस दिन महिलाएं पवित्र स्नान करके सात्विक भोजन बनाती हैं। इसलिए इस दिन के आउटफिट में सादगी झलकनी चाहिए।

आउटफिट आइडिया- हल्के रंग की सूती की साड़ी पहनें। पीला, क्रीम या कोई भी हल्का हरा रंग चुनें।

स्टाइल टिप- बिना ज्यादा मेकअप के हल्का सिंदूर, साधारण जूड़ा और छोटे गोल बिंदी के साथ पारंपरिक झुमके पहनें। ये दिन भक्ति और पवित्रता का प्रतीक होता है, इसलिए पहनावा भी वैसा ही होना चाहिए।

दूसरा दिन (खरना की शांति में चमके सरलता)

खरना के दिन व्रती महिलाएं दिनभर व्रत रखती हैं और शाम को गुड़ की खीर, रोटी और केले का प्रसाद बनाकर व्रत तोड़ती हैं।

 

आउटफिट आइडिया- इस दिन नारंगी या पीच शेड की साड़ी या सलवार सूट पहना जा सकता है। सिल्क या ऑर्गेंजा जैसे हल्के लेकिन ग्रेसफुल फैब्रिक चुनें।

 

एसेसरीज- छोटे-छोटे झुमके, कलाई में चूड़ियां और माथे पर सिंदूर के साथ लुक को पूरा करें।

 

तीसरा दिन (संध्या अर्घ्य का गॉर्जियस पारंपरिक लुक)

 

ये छठ पूजा का सबसे भव्य दिन होता है, जब महिलाएं घाट पर जाकर डूबते सूरज को अर्घ्य देती हैं। इस मौके पर महिलाएं अपने सबसे सुंदर पारंपरिक परिधान पहनती हैं।

 

आउटफिट आइडिया- लाल, मरून या सुनहरे बॉर्डर वाली बनारसी साड़ी या चमकदार सिल्क साड़ी इस दिन के लिए परफेक्ट रहेगी।

 

हेयरस्टाइल- पारंपरिक बन या खुले बालों में गजरा लगाएं।

 

ज्वैलरी- गोल्ड या कुंदन ज्वैलरी कैरी करें। मांग टीका और नथ पहनने से पारंपरिक लुक और भी निखरता है।

 

चौथा दिन (उषा अर्घ्य की पवित्रता में सादगी)

 

उगते सूर्य को अर्घ्य देने का दिन सबसे भावनात्मक और आध्यात्मिक होता है, इसलिए इस दिन का पहनावा सरल और शुद्ध होना चाहिए।

 

आउटफिट आइडिया- हल्के पीले या सफेद रंग की कॉटन या चंदेरी की साड़ी पहनें।

 

लुक- बिना भारी मेकअप के सिर्फ सिंदूर, छोटी बिंदी और हल्का गुलाबी ब्लश पर्याप्त है।

स्टाइल और श्रद्धा का संगम

छठ पूजा के आउटफिट का असली उद्देश्य है- श्रद्धा और परंपरा को बनाए रखते हुए खुद को आत्मविश्वास के साथ प्रस्तुत करना। ये त्योहार फैशन दिखाने का नहीं बल्कि आस्था और नारीशक्ति की सुंदरता का उत्सव है। इसलिए चाहे आप सिल्क की साड़ी पहनें या सूती, इसमें आपकी भक्ति और सादगी झलकनी चाहिए।

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