ASHA workers end strikes तिरुवनंतपुरम:- केरल में एशा वर्कर्स ने 265 दिनों के लंबे आंदोलन के बाद सचिवालय के सामने से अपना धरना समाप्त करने का फैसला किया है। यह निर्णय मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की घोषणा के बाद आया है जिसमें एशा वर्कर्स के मासिक मानदेय में 1000 रुपये की वृद्धि की गई है।
एशा वर्कर्स की मांगें
एशा वर्कर्स की मांग है कि उनका मासिक मानदेय 21,000 रुपये किया जाए और उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद 5 लाख रुपये का लाभ दिया जाए। इसके अलावा वे अपने काम के लिए उचित मानदेय और सेवा शर्तों की मांग कर रहे हैं।
सरकार की घोषणा
सरकार ने एशा वर्कर्स के मानदेय में वृद्धि की घोषणा की है जिससे उनका मासिक मानदेय 7,000 रुपये से बढ़कर 8,000 रुपये हो जाएगा। इसके अलावा सरकार ने एशा वर्कर्स के लिए केंद्रीय प्रोत्साहन राशि में वृद्धि की घोषणा की है जिससे उन्हें 1,500 रुपये की अतिरिक्त राशि मिलेगी।
एशा वर्कर्स की प्रतिक्रिया
एशा वर्कर्स ने सरकार की घोषणा का स्वागत किया है लेकिन उन्होंने कहा है कि उनकी मांगें अभी भी पूरी नहीं हुई हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने आंदोलन को जिला स्तर पर जारी रखेंगे और अपनी मांगों के लिए लड़ते रहेंगे।
केरल एशा हेल्थ वर्कर्स एसोसिएशन की प्रतिक्रिया
केरल एशा हेल्थ वर्कर्स एसोसिएशन की महासचिव एमए बिंदु ने कहा कि सरकार की घोषणा एक आंशिक जीत है। उन्होंने कहा कि एशा वर्कर्स अपनी मांगों के लिए लड़ते रहेंगे और जिला स्तर पर अपने आंदोलन को जारी रखेंगे।
आंदोलन के परिणाम
एशा वर्कर्स के आंदोलन के परिणामस्वरूप सरकार ने उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है। इसके अलावा सरकार ने एशा वर्कर्स के लिए कई सुविधाओं की घोषणा की है, जैसे कि मानदेय में वृद्धि और केंद्रीय प्रोत्साहन राशि में वृद्धि।






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