नई दिल्ली :- गले तक कर्ज में डूबे पाकिस्तान के लिए देश चलाना मुश्किल हो रहा है। पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार आए दिनों अपने देश के नागरिकों पर सितम ढा रही है। हाल ही में पाकिस्तान में पेट्रोल और डीलजों की कीमत में रिकॉर्ड इजाफा हुआ था। जिसके चलते वहां की अवाम की कमर टूट गई है। तेल की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर जनता सड़क पर है। डीलरों ने भी अपने हाथ खड़े कर लिए हैं। पाकिस्तान के पंपों पर तेल अब सूखने के कगार पर हैं। इसके साथ ही अब एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है। पाकिस्तान में तेल टैंकरों की हड़ताल ने लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है। लोग बूंद-बूंद तेल को तरस रहे हैं।
पाकिस्तान में तेल कंपनी सलाहकार परिषद (ओसीएसी) ने पहले ही तेल मंत्रालय को तेल टैंकरों की हड़ताल को देखते हुए तेल आपूर्ति में संभावित बाधाओं के बारे में चेतावनी दी थी, मगर पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार ने कान पर जूं तक नहीं रेंगा। ऑल पाकिस्तान ऑयल कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन (इस्लामाबाद क्षेत्र) के प्रवक्ता नोमान अली बट ने कहा कि जुड़वां शहरों (इस्लामाबाद और रावलपिंडी) और गिलगित बाल्टिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भी डीजल और पेट्रोल की आपूर्ति निलंबित कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि इससे जुड़े मंत्रालयों के साथ बातचीत जारी है और उम्मीद है कि शिकायतों को सुलझाने के लिए एक या दो दिन में बैठक होगी लेकिन फिलहाल हड़ताल जारी है। वहीं कार्यवाहक सरकार को पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) सरकार की अगली कड़ी बताते हुए जमात-ए-इस्लामी ने पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में भारी वृद्धि और बढ़ती महंगाई के खिलाफ मंगलवार को शहरव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की है। डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, जमात-ए-इस्लामी के प्रधान कार्यालय नूर-उल-हक में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जमात-ए-इस्लामी कराची के प्रमुख हाफिज नईमुर रहमान ने विस्तार से बताया।