नई दिल्ली:- पुराने संसद भवन में लोक सभा में अपना आखिरी भाषण देते हुए सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से लेकर अपने पूर्ववर्ती पीएम मनमोहन सिंह के योगदान को सराहा।
पिछले 75 वर्षों में दोनों सदनों को मिलाकर 7,500 के लगभग जनप्रतिनिधि (सांसद), जिसमें 600 के लगभग महिला जनप्रतिनिधि भी शामिल रही है, के योगदान की तारीफ की।
साथ ही पीएम मोदी ने संसद भवन के कर्मचारियों और मीडिया के योगदान की भी सराहना की, आज इस ऐतिहासिक भवन ( पुराने संसद भवन) से विदा लेने को भावुक पल बताया और साथ ही संसद के नए भवन में भारत के लोकतंत्र की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने की कामना भी की।
देश की 75 वर्षों की संसदीय यात्रा का पुनः स्मरण करने के लिए और नए सदन में जाने से पहले, उन प्रेरक पलों को, इतिहास की महत्वपूर्ण घड़ी को याद करते हुए आगे बढ़ने का ये अवसर है।
ये सही है कि इस इमारत के निर्माण का निर्णय विदेशी शासकों का था। लेकिन ये बात हम कभी नहीं भूल सकते कि इस भवन के निर्माण में परिश्रम, पसीना और पैसा हमारे देशवासियों का लगा था। हम भले ही नए भवन में जाएंगे, लेकिन ये पुराना भवन भी आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।