Dastak Hindustan

मिस यूनिवर्स पाकिस्तान का खिताब जीतने वाली एरिका रॉबिन की देश में हुई आलोचना

पाकिस्तान:- पाकिस्तान की कराची की रहने वाली एरिका रॉबिन ने ‘मिस यूनिवर्स पाकिस्तान 2023’ का खिताब जीत लिया है, वह यह खिताब हासिल करने वाली देश की पहली महिला बन गई हैं।

लेकि‍न एरिका की जीत का घर में जश्न नहीं मनाया गया। इसके बजाय उसे आलोचना या पूर्ण चुप्पी का सामना करना पड़ा।

24 वर्षीय एरिका ने पहली बार मिस यूनिवर्स पाकिस्तान कार्यक्रम में खिताब जीता। इसमें पाकिस्तान के पांच प्रतियोगी शामिल थे और इसे दुबई स्थित कंपनी युगेन ग्रुप द्वारा आयोजित किया गया था।

एरिका ने खिताब जीतने पर खुशी जताई और ऊपर वाले का आशीर्वाद बताया। उनकी उपलब्धि की पाकिस्तान में कई लोगों, विशेषकर धार्मिक समूहों और पार्टियों ने आलोचना की, जबकि सरकार ने एरिका की उपलब्धि पर अपना पल्‍ला झाड़ लिया।

जमात-ए-इस्लामी के सीनेटर मुश्ताक अहमद खान ने कहा, युवा महिलाओं को मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता के लिए तैयार करना और मिस पाकिस्तान प्रतियोगिता का आयोजन करना शर्मनाक है। यह पाकिस्तान का अपमान है। पाकिस्तान की महिलाओं का अपमान है।

जमात-ए-इस्लामी के सीनेटर मुश्ताक अहमद खान ने कहा, युवा महिलाओं को मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता के लिए तैयार करना और मिस पाकिस्तान प्रतियोगिता का आयोजन करना शर्मनाक है। यह पाकिस्तान का अपमान है। पाकिस्तान की महिलाओं का अपमान है।

आयोजक कौन हैं ? यह शर्मनाक कृत्य कौन कर रहा है? सरकार को उन्हें सामने लाना चाहिए। किसने उन्हें पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करने के लिए अधिकृत किया है? क्या यह पाकिस्तान सरकार का निर्णय है? कार्यवाहक प्रधान मंत्री को तुरंत अपनी सरकार की स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और सौंदर्य प्रतियोगिताओं के नाम पर पाकिस्तानी महिलाओं का यह उपहास, अपमान बंद करें। यह पाकिस्तान के मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं के साथ जानबूझकर खेला जाने वाला खेल है।”

प्रमुख धार्मिक नेता मोहम्मद तकी उस्मानी ने भी इस खबर पर सवाल उठाए, “खबर है कि पांच युवतियां अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करेंगी। अगर यह सच है, तो हम कितनी दूर तक जाएंगे? इस धारणा को मिट जाने दीजिए।”

महिला कार्यकर्ता एरिका रॉबिन के समर्थन में सामने आई हैं और जब भी कोई पाकिस्तानी महिला अपने लिए नाम कमाती है, तो असुरक्षित महसूस करने वाले लोग उसकी आलोचना करते हैं।

अधिकार कार्यकर्ता ज़ोहरा यूसुफ़ ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय मंच पर नाम कमाने वाली पाकिस्तानी महिलाओं पर हमला करना एक आदर्श बन गया है। महिलाओं की अंतरराष्ट्रीय सफलताओं को देश की नैतिकता पर एक धब्बा के रूप में क्यों देखा जाता है?”

इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 

शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *