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लखनऊ में राजनाथ सिंह ने जनसभा को किया संबोधित, भारत हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर

लखनऊ (उत्तर प्रदेश):-  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में जनसभा को संबोधित किया। राजनाथ सिंह ने कहा कि देश आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। आज जब तकनीक का नाम नया योद्धा युद्ध में आया है। तब हमें कहीं और आगे बड़ा सोचने की आवश्यकता है।

महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म, उपकरण और नई-नई तकनीकें

हमें क्षितिज से परे सैन्य साजो-सामान के क्षेत्रों में भी आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की आवश्यकता है। जितने महत्वपूर्ण हमारे सैनिकों का शौर्य और प्रदर्शन है। उतने ही महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म, उपकरण और नई-नई तकनीकें भी हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि देश आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है।

भारत हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर

ज़मीन से लेकर आसमान तक, कृषि मशीनों से लेकर क्रायोजेनिक इंजन तक भारत हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है। हमने इस बात को भलीभांति समझा है कि लगातार तेजी से बदलती दुनिया में आत्मनिर्भरता हमारे लिए कोई विकल्प नहीं है बल्कि यह एक जरूरत है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि सेना और सैन्य संबंधित साजो सामान की जब बात आती है। तो इसमें भारत जैसे देश का आत्मनिर्भर होना इसलिए भी जरूरी हो जाता है। क्योंकि हम अपनी सीमाओं पर दोहरे खतरे का सामना करने के साथ-साथ युद्ध के नए आयाम का सामना कर रहे हैं।

राजनाथ ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की सुरक्षा के लिए सेना सबसे महत्वपूर्ण अंग 

एक सशक्त सेना के बगैर आप न तो अपने राष्ट्र की सीमा की सुरक्षा कर सकते हैं। और न ही अपनी सभ्यता व संस्कृति की। उन्होंने कहा कि सन 1971 के वार में जब हमें साजो-सामान की सबसे अधिक जरूरत हुई। तो हमें साजो-सामान देने से इंकार कर दिया गया। हमें दूसरा रास्ता खोजना पड़ा।

देश अपने अमृत काल में प्रवेश कर चुका है

2047 तक हम एक विकसित भारत के निर्माण के साथ तो आगे बढ़ ही रहे हैं। लेकिन मेरा मानना है कि 2047 तक हम जिस विकसित भारत का सपना देख रहे हैं वह सिर्फ आर्थिक रूप से ही शक्तिशाली ना हो बल्कि हमारा विकसित भारत सैन्य क्षेत्र में भी पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो।

भारत रक्षा क्षेत्र में पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो जाएगा

उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि हम सब आपस में मिलकर अगर इसी तरह से कार्य करते रहें। वह दिन दूर नहीं जब भारत रक्षा क्षेत्र में पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो जाएगा। इसके अलावा रक्षा निर्यात के क्षेत्र में भी हम दुनिया के शीर्ष रक्षा निर्यातक में शामिल होंगे।

कारगिल युद्ध का उदाहरण

जिस समय हमारी सेनाओं को साजो-सामान की सख्त जरूरत हुई। उस समय वे देश हमें शांति का पाठ पढ़ाने लगे। जो पारंपरिक रूप से हमें हथियार आपूर्ति करते आ रहे थे। कहने का मतलब कब कोई देश जरूरत के समय पीठ दिखा दे। कोई भरोसा नहीं है। इसलिए अपने आप को मज़बूत करने के अलावा हमारे पास कोई दूसरा विकल्प ही नहीं है।

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