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अमित शाह से पहलवानों की मुलाक़ात के बाद विरोध प्रदर्शन पर असमंजस

दिल्ली :- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाक़ात के बाद भारतीय पहलवान साक्षी मलिक रेलवे में अपनी नौकरी पर वापस लौट गई हैं| साक्षी ने ट्वीट करके इस बारे में जानकारी दी है|

लेकिन उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि उनका आंदोलन जारी है और वे इससे पीछे नहीं हटेंगी|

 

उनका ट्वीट आने से पहले ऐसी कई रिपोर्ट्स सामने आईं, जिनमें दावा किया गया था कि ‘साक्षी मलिक ने इस विरोध प्रदर्शन से अपना नाम वापस ले लिया है’

 

कुछ रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया गया कि साक्षी के साथ ही दूसरे पहलवानों ने भी अपने नाम वापस ले लिए हैं| लेकिन बाद में साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया ने ट्वीट करके अपनी स्थिति स्पष्ट की|

 

साक्षी मलिक ने अपने ट्वीट में कहा- ये ख़बर बिल्कुल ग़लत है| इंसाफ़ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा| सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी ज़िम्मेदारी को साथ निभा रही हूँ| इंसाफ़ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है. कृपया कोई ग़लत ख़बर ना चलाई जाए|

 

दूसरी ओर बजरंग पुनिया ने भी ऐसी ख़बरों पर ट्वीट पर स्थिति स्पष्ट की |बजरंग पुनिया, “आंदोलन वापस लेने की खबरें कोरी अफ़वाह हैं. ये ख़बरें हमें नुक़सान पहुँचाने के लिए फैलाई जा रही हैं| हम न पीछे हटे हैं और न ही हमने आंदोलन वापस लिया है| महिला पहलवानों की एफ़आईआर उठाने की भी झूठी है। इंसाफ़ मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी|” लेकिन आंदोलन को लेकर अब भी कई सवाल हैं|

 

लेकिन इससे पहले ये जान लेते हैं कि पिछले दिनों इस मामले में क्या कुछ हुआ|

यौन शोषण के आरोपों से लेकर विरोध प्रदर्शन तक

साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया जैसे दिग्गज पहलवान पिछले एक महीने से दिल्ली के जंतर मंतर पर बीजेपी सांसद और कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ़्तार करने की मांग लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं|

बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ छह पहलवानों और एक नाबालिग़ पहलवान ने यौन शोषण का आरोप लगाया है|

इस मामले में दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में दो एफ़आईआर दर्ज कराई गई हैं|

इसमें से एक एफ़आईआर में छह महिला पहलवानों ने अपने साथ हुए यौन शोषण की शिकायत दर्ज कराई है|

वहीं, दूसरी एफ़आईआर में एक नाबालिग़ पहलवान की ओर से यौन शोषण की शिकायत दर्ज़ कराई गई है|

इसी एफ़आईआर में पॉक्सो क़ानून से जुड़ी धाराएँ लगाई गई हैं|

इस क़ानून के तहत अभियुक्त को तत्काल गिरफ़्तार किए जाने का प्रावधान है. लेकिन बृजभूषण शरण सिंह को अब तक गिरफ़्तार नहीं किया गया है|

लगभग एक महीने तक विरोध प्रदर्शन करने के बाद पहलवानों ने बीती 28 मई को नए संसद भवन की ओर मार्च करने का फ़ैसला किया था| पीएम मोदी इसी दिन नए संसद भवन का उदघाटन कर रहे थे| ऐसे में दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए उनके ख़िलाफ़ बल प्रयोग किया| इसके बाद महिला पहलवानों ने अपने मेडल्स को गंगा में प्रवाहित करने का फ़ैसला किया|

साक्षी, विनेश और बजरंग पुनिया ऐसा करने के लिए हरिद्वार पहुँचे भी, लेकिन ऐन मौक़े पर किसान नेता नरेश टिकैत ने उन्हें ऐसा करने से रोक लिया|

इसके बाद पहलवानों ने सरकार को पाँच दिन का अल्टीमेट दिया| और इन पाँच दिनों के अंदर ही पहलवानों की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाक़ात हो गई|

इसके बाद ही साक्षी मलिक की ओर से आंदोलन से नाम वापस लेने का दावा करने वाली न्यूज़ रिपोर्ट्स सामने आईं|

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