पटना:- बिहार में भागलपुर और खगड़िया को जोड़ने के लिए बनाए जा रहे निर्माणाधीन पुल के गिरने के बाद बिहार में सियासी हलचल जारी है। भाजपा ने तो सीएम नीतीश कुमार के इस्तीफे तक की मांग कर ही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि पुल निर्माण के लिए इंजीनियर व ठेकेदारों का किसने चुनाव किया था।
किसी ने टेक्नोलॉजी का उपयोग किया भी है इस निर्माण कार्य के लिए उसकी हर तरह से जांच की जाए। गरीब जनता का जो पैसा खर्च बर्बाद हुआ है इसे कौन-कौन देगा? तेजस्वी और नीतीश कुमार अपने निजी फंड से देंगे क्या? नीतीश कुमार की मेमोरी लॉस हो गई है और हमलोगों सेंसलेस कह रहे हैं।
नीतीश कुमार पुराने समय से क्या करते हैं कहां-कहां पापड़ बेले है सबको पता है। नीतीश कुमार ने मेरा कभी समर्थन नहीं किया। मैं उनके खिलाफ जीत कर आया हूं। नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने के चक्कर में जेल भी गया हूं।
वहीं भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा ने बिहार के भागलपुर में निर्माणधीन पुल के गिर जाने पर कहीं यह बात कि जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के नेतृत्व में तय सीमा के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय मापदंड के अनुसार पूरे देश में सड़को का निर्माण किया जा रहा हैं। दूसरी तरफ बिहार में तथा कथित सुशासन बाबू के सरकार द्वारा बनाया गया।
पुल कभी हवा से तो कभी धूप से गिर जाता है। यह अत्यंत दुखद है इससे बिहार की छवि बिगड़ ही रही है। हर बिहारवासियों के लिए सब दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को देख कर यह कहना गलत नहीं होगा की। बिहार की जनता की कमाई बिहार सरकार, भ्रष्टाचारियों द्वारा पानी में सब कुछ बहा रही है जो हर बिहारी के लिए शर्म की बात है।
पटना में पूर्व पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि 2016 में जब पुल को डिजाइन दिया गया था अब आप उस वक्त उपमुख्यमंत्री थे और जब दोबारा उस पुल पर काम शुरू हुआ जांच होने के बाद उस वक्त भी आप की सरकार थी। इस तरह से तेजस्वी यादव अब बच नहीं सकते राजनीतिक लाभ उठाने के लिए काम तो कुछ करते नहीं हैं।
नितिन नवीन ने कहा बीजेपी के प्रवक्ता ने जब पुल के डिजाइन पर सवाल उठाया था। उस वक्त तेजश्वी यादव ने सदन में कहा था कि सब ठीक है। उनके हां कहने पर काम शुरू किया गया है। सुल्तानगंज में पुल ध्वस्त हुआ उसका जिम्मेदार कौन है। सरकार य ठेकेदार जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। नितिन नवीन ने कहा कि 2014 में इस पुल का जब शिलान्यास किया गया। उस समय तेजस्वी यादव पथ निर्माण मंत्री थे।
टेंडर जब आवंटित हुआ उस समय भी तेजस्वी यादव ही मंत्री थे। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार इसके जिम्मेदारी से नहीं भाग सकते हैं। सरकार जल्द से जल्द जांच कराने के आदेश दे। पटना हाईकोर्ट से जांच कराएं।