अफ्रीका :- महाद्वीप के कई देशों में चक्रवातीय तूफान ने तबाही मचा दी है। यहां मलावी मोजाम्बिक और मेडागास्कर में हफ्तेभर से भारी बारिश-बाढ़ और भूस्खलन के चलते बड़ा नुकसान हुआ है। इन देशों के लाखों लोग आपदा की चपेट में हैं। तीनों देशों में हजारों लोग जख्मी हुए हैं और जान गंवाने वालों की संख्या भी हजारों में है। मलावी में 14 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, आपदा के चलते मलावी-मोजाम्बिक और मेडागास्कर में हालात विकट हो गए हैं।
अकेले मलावी में 5 लाख से ज्यादा लोग पलायन कर चुके हैं। वहीं, आपदा के कारण जान गंवाने वालों की संख्या 1,000 तक पहुंचने का अंदेशा है, क्योंकि और शव बरामद किए जा रहे हैं और कई लोग अभी भी लापता हैं। मंगलवार शाम तक ही यहां बरामद शवों की संख्या 507 तक पहुंच गई। इससे पहले सोमवार को बताया गया था, कि लापता व्यक्तियों की संख्या 427 से बढ़कर 537 हो गई और घायलों की संख्या 1,332 थी। उसके बाद अगले 3-4 दिनों में ये संख्या बढ़कर और ज्यादा हो गई।
सड़कें तबाह, बिजली के खंभे टूटे, गांवों का कटा संपर्क
बता दें कि जिन देशों में उष्णकटिबंधीय चक्रवात फ्रेडी तबाही मचा रहा है, वे देश हिंद महासागर से सटे हैं। मेडागास्कर तो पूरी तरह हिंद महासागर में ही स्थित है, जहां भारी बारिश के चलते बाढ़ और भूस्खलन से बड़ा नुकसान हुआ है। मोजाम्बिक में भी लैंडस्लाइड की वजह से कई गांव पूरी तरह से कट चुके हैं। बिजली के खंभे टूट गए हैं। सड़कें तबाह हो चुकी हैं। वहीं, बाढ़ के कारण लोगों को अपने घर छोड़कर भागना पड़ रहा है।
साइक्लोन से अफ्रीकी देश मलावी बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है, यहां बीते गुरुवार को राष्ट्रपति लाजरस चकवेरा क्वीन एलिजाबेथ अस्पताल का दौरा करने पहुंचे थे, जहां उन्होंने बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की। जख्मी लोगों को देखकर वह भावुक हो गए। उसके बाद उन्होंने देश में 14 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा कर दी।
सोशल मीडिया पर, वहां के लोग विश्व समुदाय से खुद को बचाने की गुहार लगा रहे हैं। साइक्लोन से प्रभावित इलाकों में लोगों को जरूरत का सामान जुटाने में परेशानी हो रही है। बता दें कि मलावी वो देश है, जो पहले से ही भुखमरी और गरीबी का शिकार है, और अब आपदा ने हालात और ज्यादा भयावह कर दिए हैं।