नई दिल्ली:- भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। दोनों देश जुलाई 8 तक एक अंतरिम व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने की संभावना है, जिससे भारत को अमेरिकी शुल्कों में छूट मिलेगी।
व्यापार समझौते की शर्तें
अंतरिम व्यापार समझौते में औद्योगिक वस्तुओं, कुछ कृषि उत्पादों और गैर-शुल्क बाधाओं को शामिल करने की संभावना है। इसके अलावा, डिजिटल व्यापार सहित कुछ सेवाओं को भी समझौते में शामिल किया जा सकता है। समझौते के तहत, भारत अमेरिकी बाजार में अपनी श्रम-गहन क्षेत्रों जैसे कि कपड़ा, चमड़ा और रत्न एवं आभूषण के लिए शुल्क में छूट की मांग कर रहा है।
अमेरिकी शुल्कों में छूट
भारत 26 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क और 10 प्रतिशत आधार शुल्क से पूरी तरह से छूट चाहता है। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि और वाणिज्य सचिव ने भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ बातचीत की है, जिसमें उन्होंने व्यापार समझौते को आगे बढ़ाने के लिए सकारात्मक चर्चा की है।
द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने के प्रयास
भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है। इसके लिए दोनों देश व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए प्रयासरत हैं। समझौते के पहले चरण को सितंबर-अक्टूबर तक पूरा करने की योजना है।
भारत की मांगें
भारत अपनी श्रम-गहन क्षेत्रों के लिए शुल्क में छूट की मांग कर रहा है, जिनमें शामिल हैं:
– कपड़ा और चमड़ा: भारत इन क्षेत्रों में शुल्क में छूट चाहता है ताकि उसकी निर्यात क्षमता बढ़ सके।
-रत्न और आभूषण: भारत इस क्षेत्र में भी शुल्क में छूट की मांग कर रहा है।
– कृषि उत्पाद: भारत कुछ कृषि उत्पादों पर शुल्क में छूट चाहता है, जिनमें अंगूर और केले शामिल हैं।
भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौता दोनों देशों के लिए फायदेमंद हो सकता है। समझौते से भारत को अमेरिकी बाजार में अपनी श्रम-गहन क्षेत्रों के लिए शुल्क में छूट मिलेगी, जिससे उसकी निर्यात क्षमता बढ़ सकेगी। वहीं, अमेरिका को भी भारतीय बाजार में अपनी वस्तुओं के लिए बेहतर पहुंच मिल सकेगी। अब देखना यह है कि दोनों देश इस समझौते को अंतिम रूप देने में कितना सफल हो पाते हैं l