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दक्षिण कोरिया को हिला देने वाले छह घंटे: डर, क्रोध और जीत

 दक्षिण कोरिया(सियोल):-18 मई 1980 को दक्षिण कोरिया के ग्वांगजू शहर में एक ऐतिहासिक घटना घटी जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया। यह घटना ग्वांगजू विद्रोह के नाम से जानी जाती है जिसमें छात्रों और नागरिकों ने सैन्य शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। ग्वांगजू विद्रोह की शुरुआत 18 मई को हुई जब छात्रों ने चोन्नम नेशनल यूनिवर्सिटी के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सैनिकों ने उन पर हमला किया जिसमें कई लोग घायल हुए और मारे गए।

विरोध प्रदर्शन तेजी से फैल गया और जल्द ही पूरे शहर में फैल गया। प्रदर्शनकारियों ने सैन्य शासन के खिलाफ नारे लगाए और सरकार से लोकतंत्र की मांग की। सैन्य शासन ने विरोध प्रदर्शन को कुचलने के लिए सैनिकों को तैनात किया। सैनिकों ने प्रदर्शनकारियों पर हमला किया और कई लोगों को मार डाला।

ग्वांगजू विद्रोह के दौरान प्रदर्शनकारियों ने सैन्य शासन के खिलाफ कई हमले किए। उन्होंने सैन्य वाहनों पर हमला किया और कई सैनिकों को मार डाला। ग्वांगजू विद्रोह के बाद, दक्षिण कोरिया में लोकतंत्र की मांग तेजी से बढ़ी। 1987 में दक्षिण कोरिया में लोकतंत्र की स्थापना हुई और सैन्य शासन का अंत हुआ।ग्वांगजू विद्रोह को दक्षिण कोरिया के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना माना जाता है। यह घटना दक्षिण कोरिया में लोकतंत्र की स्थापना के लिए एक महत्वपूर्ण कदम थी।

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