नई दिल्ली:- शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को संसद के दोनों सदनों में भारी हंगामा हुआ जिसके कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर अडाणी समूह से जुड़े मामलों पर चर्चा से बचने का आरोप लगाया।
क्या हुआ संसद में?
सुबह जैसे ही लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई विपक्षी सांसदों ने अपनी मांगों को लेकर शोर-शराबा करना शुरू कर दिया। विपक्ष के मुख्य मुद्दों में अडाणी समूह पर लगाए गए आरोप और मणिपुर हिंसा जैसे विषय शामिल थे।
लोकसभा में चर्चा शुरू होते ही विपक्ष के सांसदों ने वेल में आकर सरकार विरोधी नारे लगाए। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पहले कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। लेकिन दोबारा शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा जिससे स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को गुरुवार सुबह तक स्थगित कर दिया।
राज्यसभा में भी विपक्षी सांसदों ने अडाणी समूह से जुड़े मामलों में संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की जांच की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही भी दोपहर तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
राहुल गांधी ने सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि वह अडाणी समूह को बचाने के लिए संसद में चर्चा से भाग रही है। राहुल ने कहा संसद देश की जनता के मुद्दों पर चर्चा के लिए है लेकिन सरकार इससे बचने के लिए सदन नहीं चलने दे रही है।
सरकार ने विपक्ष के इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि विपक्ष केवल संसद की कार्यवाही को बाधित करना चाहता है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष को चर्चा के लिए तैयार रहने की चुनौती दी
भारी हंगामे के चलते संसद का कामकाज पूरी तरह ठप हो गया जिससे शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी कोई ठोस चर्चा नहीं हो सकी। अब यह देखना होगा कि गुरुवार को स्थिति कैसी रहती है। शीतकालीन सत्र में विपक्ष और सरकार के बीच की खींचतान लोकतंत्र की प्रक्रिया को प्रभावित कर रही है।