अमरावती ( महाराष्ट्र):- महाराष्ट्र और झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए बयानबाजी ने एक नया मोड़ ले लिया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। इस बार दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर तुष्टीकरण की राजनीति और सांप्रदायिक नफरत फैलाने का आरोप लगाया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए “बंटेंगे तो कटेंगे” नारे को संविधान के खिलाफ बताया था। उनका कहना था कि यह नारा देश की एकता और अखंडता के खिलाफ है। हालांकि सीएम योगी ने खरगे के इस आरोप का तीखा जवाब दिया है। योगी ने कहा कि खरगे वोट बैंक की राजनीति के लिए अपनी भावनाओं को दबा चुके हैं और अब वह राजनीतिक लाभ के लिए संविधान की बात कर रहे हैं।
इस पूरे विवाद के केंद्र में महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव हैं। जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस नारे का समर्थन कर रहे हैं वहीं विपक्ष इसे भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति का हिस्सा मानता है। योगी आदित्यनाथ ने खरगे के बयान पर पलटवार करते हुए उन्हें बौखलाया हुआ बताया और कहा कि वे चुनावों में अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए इस तरह के विवादित बयान दे रहे हैं।
अमरावती में एक रैली के दौरान सीएम योगी ने कांग्रेस के नेताओं पर साधुओं के वेश में राजनीतिक गतिविधियां करने का आरोप भी लगाया जिससे राजनीतिक माहौल और गर्मा गया है। इस बयानबाजी के बीच दोनों नेताओं के समर्थक एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की झड़ी लगाए हुए हैं और यह स्पष्ट है कि आगामी विधानसभा चुनाव में बयानबाजी का मुद्दा महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।