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रामनगरी अयोध्या में होती है तीन प्रकार की परिक्रमा, 84 कोसी परिक्रमा भी शामिल

अयोध्या (उत्तर प्रदेश):- रामनगरी अयोध्या में तीन प्रकार की परिक्रमा होती है। कार्तिक मास में दो प्रमुख परिक्रमा होती हैं जिनमें पहली 14 कोसी और दूसरी पंचकोसी परिक्रमा शामिल है। इसके अलावा तीसरी 84 कोसी परिक्रमा है, जो अयोध्या क्षेत्र के पूरे भूभाग को कवर करती है। पंचकोसी परिक्रमा बड़ी एकादशी तिथि पर आयोजित की जाती है। यह परिक्रमा अयोध्या नगर की परिधि के बाहर, मंदिरों के घने क्षेत्र से बाहर होती है, और यह परिक्रमा सभी आयु वर्ग के भक्तों के लिए सरल और सुगम होती है।

अयोध्या में पंचकोसी परिक्रमा देवउठनी एकादशी पर शुरू हुई। लगभग 10 लाख से अधिक श्रद्धालु इस परिक्रमा को पूर्ण कर रहे हैं। सोमवार को दोपहर 1:45 बजे से प्रारंभ हुई यह परिक्रमा मंगलवार सुबह 11:38 बजे समाप्त होगी। भक्तजन इस धार्मिक अनुष्ठान को लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पैदल और नंगे पांव तय कर पूरा कर रहे हैं।

पंचकोसी परिक्रमा क्या है?

देवउठनी एकादशी के दिन से अयोध्या में पंचकोसी परिक्रमा शुरू होती है। यह परिक्रमा अयोध्या धाम के विभिन्न क्षेत्रों में होती है, जिसे पंचकोसी परिक्रमा कहा जाता है। इस परिक्रमा के दौरान रामजन्मभूमि और अयोध्या के उन सभी क्षेत्रों की परिक्रमा हो जाती है, जहां भगवान राम ने बाल लीलाएं की थीं। मान्यता है कि इस परिक्रमा से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति प्राप्त होती है।

अयोध्या में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

पूरी अयोध्या नगरी में 14 प्रमुख स्थानों पर एम्बुलेंस तैनात की गई हैं। पक्का घाट, पुराना सरयू पुल, कंट्रोल रूम, नया घाट पुलिस चौकी, हनुमान गुफा, साकेत पेट्रोल पंप, हलकारा का पुरवा, चूड़ामणि चौराहा, उदया चौराहा, चकरतीर्थ, झुनकी घाट, बूथ नंबर चार, कनक भवन, श्रृंगार हाट बैरियर, श्रीराम जन्मभूमि और हनुमानगढ़ी जैसे स्थानों पर एम्बुलेंस तैयार अवस्था में खड़ी हैं।

इसके साथ ही पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर हनुमान गुफा, मौनी बाबा, हलकारा का पुरवा, चूड़ामणि चौराहा, उदया चौराहा, चकरतीर्थ, ब्रह्मकुंड और झुनकी घाट पर प्राथमिक उपचार की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं।

मथुरा में भीड़भाड़

अयोध्या से पहले मथुरा में अक्षय नवमी के दिन पंचकोसी परिक्रमा आयोजित की गई थी। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते पूरे मथुरा शहर में जाम की स्थिति बन गई। पुलिस ने जाम हटाने के लिए काफी मेहनत की, लेकिन परिक्रमा करने वालों की संख्या इतनी अधिक थी कि पुलिस बल भी असहाय नजर आया। मथुरा-वृंदावन परिक्रमा में 700 से अधिक पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, होमगार्ड और पीआरडी के जवानों को 62 महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात किया गया है।

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