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दीवाली पर 4.25 लाख करोड़ की रिकॉर्ड खरीदारी से अर्थव्यवस्था को मिला बढ़ावा, अब शादियों के सीजन पर नजर

नई दिल्ली:- दीवाली 2024 का उत्सव भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा बूस्ट साबित हुआ। कैट (कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स) के राष्ट्रीय महामंत्री और दिल्ली की चांदनी चौक सीट से भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल के अनुसार इस साल दीवाली पर देशभर में करीब 4.25 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड खरीदारी हुई। यह आंकड़ा स्थानीय उत्पादों और कारीगरों के सामानों की मजबूत बिक्री को दर्शाता है। खंडेलवाल का कहना है कि ‘भारतीय उत्पाद-सबका उस्ताद’ की मुहिम को जनता ने बड़े स्तर पर अपनाया जिससे छोटे और बड़े व्यापारियों दोनों को भारी लाभ हुआ।

पहली बार श्री राम मंदिर के उद्घाटन के बाद दीवाली इस बार की दीवाली अयोध्या में श्री राम मंदिर के बनने के बाद पहली बार मनाई गई, जिससे जनता में विशेष उत्साह था। पूरे देश में दीवाली को उमंग और उत्साह के साथ मनाया गया और लोगों ने विभिन्न प्रकार के स्थानीय सामान खरीदे जिसमें मिट्टी के दीये पूजा सामग्री, मिठाई, वस्त्र, और इलेक्ट्रॉनिक सामान शामिल थे।

वोकल फॉर लोकल’ की कामयाबी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान के तहत स्थानीय उत्पादों की खरीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। मिट्टी के दीयों, भगवान की मूर्तियों, घर सजावट के सामान, और हस्तनिर्मित वस्त्रों ने बाजारों में धूम मचाई। इससे छोटे कारीगरों, कुम्हारों, और हस्तशिल्प निर्माताओं को आर्थिक मजबूती मिली।

खरीदारी का वितरण कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने बताया कि इस वर्ष की दीवाली की 4.25 लाख करोड़ रुपये की कुल बिक्री में 13% किराना और खाद्य उत्पादों पर, 9% ज्वेलरी पर 12% वस्त्रों पर 8% इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल पर  तथा 6% कॉस्मेटिक्स पर खर्च हुआ। इसके अलावा गिफ्ट आइटम्स घरेलू सजावट और पूजन सामग्री की भी बड़ी मांग देखी गई।

नवरात्र से शुरू हुआ उत्सवों का सिलसिला नवरात्र से ही बाजारों में रौनक बढ़ने लगी थी। दिल्ली सहित पूरे देश में नवरात्र, रामलीला, गरबा, और डांडिया जैसे त्योहारों ने 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार बढ़ाया। दिल्ली में ही लगभग 5 हजार करोड़ रुपये का व्यापार हुआ। इस दौरान न केवल व्यापारियों को फायदा हुआ बल्कि लाखों लोगों को अस्थायी रोजगार भी मिला।

शादियों के सीजन से उम्मीदें व्यापारियों की नजर अब 12 नवंबर से शुरू होने वाले शादियों के सीजन पर है। खंडेलवाल के अनुसार दीवाली के बाद शादियों का मौसम बाजार में और रौनक लाएगा और एक बार फिर से व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि की उम्मीद की जा रही है।

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी सीख त्योहारों के दौरान होने वाली इस बड़ी खरीदारी ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में त्योहारों का योगदान महत्वपूर्ण है। दीवाली और अन्य प्रमुख त्योहार भारतीय बाजारों को न केवल प्रोत्साहित करते हैं बल्कि छोटे-बड़े सभी व्यवसायों को स्थायित्व प्रदान करते हैं।

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