सोनभद्र (उत्तर प्रदेश):- जनपद सोनभद्र के थाना शाहगंज क्षेत्र के ग्राम महुअरिया टोला में एक दर्दनाक घटना में वन विभागकर्मी ने एक ग्रामीण की तीर से हत्या कर दी। यह घटना तब हुई जब वन विभाग के वाचर सु्क्कन लाल बेगा ने बनवारी पाल को जंगल में मवेशियों को चराने से मना किया। इस विवाद ने उग्र रूप ले लिया और दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस के बाद लड़ाई हो गई। अपर पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी के अनुसार सु्क्कन लाल बेगा जो वन विभाग में तैनात वाचर है ने देखा कि बनवारी पाल अपने मवेशियों को जंगल में चराने के लिए लाया है। वाचर ने उसे जंगल में पशु चराने से मना किया जिससे बनवारी पाल नाराज हो गया और दोनों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई। देखते ही देखते स्थिति हिंसक हो गई और सु्क्कन लाल बेगा ने तीर से हमला कर बनवारी पाल की हत्या कर दी।
घटना के दौरान सु्क्कन लाल बेगा को भी गंभीर चोटें आईं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार लड़ाई इतनी गंभीर थी कि बेगा को स्वयं को बचाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ा। घायल अवस्था में सु्क्कन बेगा को तुरंत स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां से उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए और प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ की। त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी ने इस घटना पर गहरा दु:ख व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस आरोपियों की पहचान कर चुकी है और मामले की गहन जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि सु्क्कन बेगा की हालत गंभीर है और उनका इलाज जारी है। ग्रामीणों में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि वन विभाग और स्थानीय निवासियों के बीच विवाद कोई नई बात नहीं है लेकिन इस बार स्थिति हद से बढ़ गई। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि वन विभाग के अधिकारी कई बार जरूरत से ज्यादा सख्ती दिखाते हैं जिससे ऐसे तनावपूर्ण हालात पैदा होते हैं।
वहीं वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वाचर सु्क्कन बेगा ने केवल अपने कर्तव्य का पालन किया था और जंगल की सुरक्षा के लिए ही उसने मना किया था। वे मानते हैं कि बातचीत के बजाय हिंसा का रास्ता अपनाना दुर्भाग्यपूर्ण है और यह पूरे क्षेत्र के लिए चिंता का विषय है। पुलिस ने शांति बनाए रखने की अपील की है और क्षेत्र में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। अधिकारियों ने यह आश्वासन दिया है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी और न्यायिक प्रक्रिया के तहत आरोपियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना न केवल एक व्यक्ति की जान लेने वाली बन गई बल्कि इससे यह भी उजागर हुआ कि जंगलों की सुरक्षा और स्थानीय निवासियों के अधिकारों के बीच संतुलन बनाए रखने की कितनी आवश्यकता है।