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लॉरेंस बिश्नोई की पप्पू यादव को धमकी: पीएम मोदी और अमित शाह को चुनौती?

लॉरेंस बिश्नोई जो पहले भी सलमान खान को जान से मारने की धमकी दे चुके हैं अब पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव को भी धमकी देकर चर्चा में हैं। इस धमकी को सीधे तौर पर पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गों ने पप्पू यादव को जान से मारने की धमकी दी है जिससे एक नई सियासी लड़ाई छिड़ गई है। बिश्नोई की दहशत पहले से ही सिद्धू मूसेवाला और बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद से कायम है। अब यह मामला केवल फिल्मी सितारे सलमान खान और पॉलिटिशियन पप्पू यादव तक सीमित नहीं रह गया है बल्कि इसकी परिधि में देश के उच्चतम राजनीतिक नेतृत्व को भी शामिल किया गया है।

जेल में धमकियां कैसे?

लॉरेंस बिश्नोई जो कि अजमेर, तिहाड़ और पंजाब की जेलों में बंद रहे हैं फोन के माध्यम से अपने विरोधियों को धमकाते रहे हैं। यह सवाल उठता है कि जेल में बंद एक अपराधी कैसे स्वतंत्रता से फोन का उपयोग कर सकता है। इसका सीधा मतलब है कि जेल प्रशासन, पुलिस और सरकार की नाकामी दर्शाता है।

वर्तमान में बिश्नोई अहमदाबाद की साबरमती जेल में बंद हैं जो भाजपा शासन के तहत है। इस जेल में रहने के दौरान लॉरेंस के गुर्गों ने एक ऑडियो वायरल किया है जिसमें धमकी देने वाला यह दावा कर रहा है कि बिश्नोई जेल का जैमर बंद करवा सकते हैं और इसके लिए लाखों रुपये खर्च कर सकते हैं। यह बिश्नोई की बढ़ती ताकत और जेल के अंदर उनकी सुविधा को दर्शाता है।

इस स्थिति ने गुजरात पुलिस और जेल प्रशासन की प्रभावशीलता पर सवाल उठाया है। यदि लॉरेंस बिश्नोई जो जेल में बंद हैं ऐसी गतिविधियों को संचालित कर रहे हैं तो यह पीएम मोदी और अमित शाह के राजनीतिक दबदबे पर भी सवाल उठाता है। गुजरात के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल के अधीन यह गंभीर चिंता का विषय है कि कानून व्यवस्था कैसे कायम की जा रही है।

लॉरेंस बिश्नोई की यह धमकी केवल एक राजनीतिक विवाद नहीं है बल्कि यह सत्ताधारी सरकार की सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े करती है। अब देखना होगा कि इस मामले में प्रशासन और राजनीतिक नेतृत्व क्या कदम उठाते हैं और क्या जेल में सुधारों की दिशा में कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे।

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