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दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर अखिलेश यादव ने जताई चिंता

नई दिल्ली :- समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण संकट को लेकर केंद्र सरकार पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने इसे वार्षिक संकट बताते हुए कहा कि यह केवल दिल्ली तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि इसका असर अब उत्तर प्रदेश पर भी पड़ने लगा है। अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “एक्स” पर अपने विचार साझा करते हुए सरकार की पर्यावरणीय समस्याओं के समाधान में असफलता की ओर ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय राजनयिकों को लेकर चिंता व्यक्त की, जो दिल्ली में तैनात हैं और इस बढ़ते प्रदूषण के बीच एक खराब छवि देख रहे हैं। यादव ने इसे भाजपा सरकार की नीति और प्रबंधन में असफलता का नतीजा बताया है।

दिल्ली की हवा फिर खराब स्तर पर पहुंची

दिल्ली में कुछ दिनों के सुधार के बाद वायु गुणवत्ता पुनः बहुत खराब हो गई है। रविवार को हवा में स्थिरता के कारण प्रदूषण के स्तर में वृद्धि हुई, जिससे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) शाम 4 बजे 355 तक पहुंच गया, जो कि शनिवार को 255 था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों जैसे बवाना, बुराड़ी और जहांगीरपुरी में प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया है। दिल्ली के वायु प्रदूषण का असर पड़ोसी क्षेत्रों पर भी देखने को मिल रहा है।

ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, और नोएडा जैसे क्षेत्र, जो दिल्ली से जुड़े हुए हैं, वहाँ भी वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं फरीदाबाद और गुरुग्राम जैसे क्षेत्रों में इसे खराब श्रेणी में रखा गया है।

उत्तर प्रदेश पर प्रदूषण का प्रभाव

अखिलेश यादव ने चिंता जताते हुए कहा कि दिल्ली के प्रदूषण का असर अब उत्तर प्रदेश के शहरों पर भी पड़ने लगा है। उन्होंने इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि वायु और जल प्रदूषण दोनों ही समस्याएं हैं, जिनसे न केवल लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है, बल्कि ऐतिहासिक धरोहरें जैसे ताजमहल भी इसकी चपेट में आ रही हैं। यादव ने यह भी बताया कि प्रदूषण के कारण लोगों में श्वसन संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ रहा है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर संकट है। उन्होंने राज्य सरकार पर प्रदूषण के प्रभाव को लेकर ठोस कदम उठाने में असफलता का आरोप लगाया और कहा कि इसे लेकर दूरदर्शिता का अभाव है।

राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के साथ ही भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच एक-दूसरे पर आरोप लगाने का सिलसिला शुरू हो गया है। आम आदमी पार्टी ने प्रदूषण नियंत्रण में केंद्र सरकार की निष्क्रियता की आलोचना की, वहीं भाजपा ने दिल्ली सरकार पर अपने हिस्से का काम न करने का आरोप लगाया। इस बीच, अखिलेश यादव ने इसे केवल राजनीतिक मुद्दा न मानते हुए, जनस्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर संकट बताया। उन्होंने कहा कि यह समय राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का नहीं, बल्कि सामूहिक रूप से समाधान खोजने का है।

स्वास्थ्य पर बढ़ते प्रदूषण का प्रभाव

दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों में प्रदूषण के बढ़ते स्तर का असर सीधे तौर पर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। खासतौर पर बुजुर्ग, बच्चे और श्वसन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोग अधिक प्रभावित हो रहे हैं। डॉक्टरों का मानना है कि प्रदूषित हवा के संपर्क में आने से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में लोगों को घर के बाहर कम समय बिताने की सलाह दी जा रही है और यदि बाहर जाना जरूरी हो, तो मास्क पहनने की सलाह दी गई है।

अखिलेश यादव की सलाह: व्यक्तिगत सावधानी बरतें

अखिलेश यादव ने लोगों से अपील की कि वे प्रदूषण से बचाव के लिए व्यक्तिगत सावधानियों का पालन करें। उन्होंने नागरिकों से कहा कि प्रदूषण के कारण सांस से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं, इसलिए जितना संभव हो, घर के अंदर रहें और बाहर निकलते समय मास्क का उपयोग करें। उन्होंने वाहन चालकों से भी अनुरोध किया कि वे कम दृश्यता के कारण सड़कों पर संभलकर चलें। यादव ने स्पष्ट संदेश दिया कि इस संकट के समय में सरकार के हस्तक्षेप पर भरोसा करने की बजाए नागरिक अपनी सुरक्षा के लिए खुद जिम्मेदारी लें।

सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग

अखिलेश यादव ने सरकार से अपील की कि वह प्रदूषण के खिलाफ गंभीर और ठोस कदम उठाए। उन्होंने सुझाव दिया कि दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दीर्घकालिक समाधान की जरूरत है। इसके लिए प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों, वाहनों से निकलने वाले धुएं, और पराली जलाने जैसी समस्याओं को कड़ाई से नियंत्रित करना आवश्यक है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से आपसी सहयोग की अपील की ताकि इस संकट को हल किया जा सके और जनता को साफ हवा मिल सके।

प्रदूषण नियंत्रण के लिए लोगों की भूमिका

अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदूषण की समस्या को हल करने के लिए केवल सरकार पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे भी पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक बनें। लोगों को व्यक्तिगत स्तर पर कदम उठाने चाहिए, जैसे कि सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करना, वाहनों का कम उपयोग करना, और पौधारोपण करना। उन्होंने कहा कि यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम प्रदूषण कम करने में योगदान दें, ताकि आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ वातावरण मिल सके।

अखिलेश यादव ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण संकट पर चिंता जताते हुए केंद्र और राज्य सरकारों को इस समस्या पर ठोस कदम उठाने की सलाह दी है। उनका मानना है कि प्रदूषण का यह संकट अब सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसका प्रभाव उत्तर प्रदेश के शहरों में भी महसूस किया जा रहा है। यादव ने जनता से अपील की है कि वे सरकार के भरोसे न रहकर स्वयं स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति जिम्मेदारी लें और प्रदूषण से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियां बरतें।

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