इजराइल और हमास के बीच जारी संघर्ष में एक नए मोड़ ने सबको चौंका दिया है। ‘ब्रेकिंग द साइलेंस’ नामक एक संगठन ने सीएनएन को तीन तस्वीरें प्रदान की हैं जिनमें इजरायली सेना (IDF) को गाजा में फिलिस्तीनियों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करते हुए दिखाया गया है। यह तस्वीरें इजराइल की सेना की कार्रवाइयों को लेकर कई सवाल खड़े करती हैं।
इन तस्वीरों से यह स्पष्ट होता है कि इजराइल की सेना फिलिस्तीनियों को अपने सैन्य अभियानों में मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रही है। यह एक गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन है और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करता है।
‘मॉस्किटो प्रोटोकॉल’ के बारे में बात करते समय, यह स्पष्ट नहीं है कि यह क्या है लेकिन यह इजराइल की सेना द्वारा अपनाए जा रहे तरीकों से जुड़ा हो सकता है। यह प्रोटोकॉल संभवतः इजराइल की सेना द्वारा फिलिस्तीनियों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करने की रणनीति से संबंधित हो सकता है।
इस मुद्दे पर विश्व समुदाय की प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण होगी। मानवाधिकार संगठन और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त कर रहे हैं। यह एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा है जिसका समाधान न्याय, शांति और मानवाधिकारों के सम्मान पर आधारित होना चाहिए।