नई दिल्ली :- नई परमाणु ऊर्जा चालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी को कैबिनेट सुरक्षा समिति (सीसीएस) द्वारा 9 अक्टूबर को दो ऐसी पनडुब्बियों के निर्माण को मंजूरी दिए जाने के बाद लॉन्च किया गया। भारतीय नौसेना के पनडुब्बी बेड़े को बढ़ाने के लिए तीव्र कदम उठाए जा रहे हैं। इसी बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सप्ताह विशाखापत्तनम में शिप बिल्डिंग सेंटर (एसबीसी) में भारत की चौथी और नवीनतम परमाणु ऊर्जा चालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी का शुभारंभ किया।
नई पनडुब्बी का 75 प्रतिशत हिस्सा स्वदेशी है और इसे अभी S4* नाम दिया गया है। परमाणु पनडुब्बी बेड़े को मजबूत करने से भारत के विरोधियों को परमाणु प्रतिरोध मिलेगा और बड़े तटरेखा की सुरक्षा होगी। रक्षा मंत्री ने 16 अक्टूबर को पनडुब्बी परियोजना का शुभारंभ किया। यह विकास ऐसे समय में हुआ है जब तीसरी परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी INS अरिधमान का निर्माण पहले से ही चल रहा है। यह अत्यधिक अराजक वैश्विक व्यवस्था में किसी भी पूर्वानुमानित या अप्रत्याशित प्रतिकूलता से निपटने के लिए अपने शस्त्रागार को मजबूत करने के भारत के निरंतर प्रयासों को दर्शाता है।
उल्लेखनीय है कि दो परमाणु पनडुब्बियाँ INS अरिहंत और INS अर्घाट पहले ही भारतीय नौसेना में शामिल हो चुकी हैं। INS अरिघाट को इस साल अगस्त में शामिल किया गया था। INS अरिधामन को अगले साल शामिल किया जाएगा। 9 अक्टूबर को, सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने इंडो-पैसिफिक के उभरते रक्षा परिदृश्य को देखते हुए दो परमाणु ऊर्जा से चलने वाली हमलावर पनडुब्बियों को विकसित करने की मंज़ूरी दे दी।