कानपुर ( उत्तर प्रदेश):- कानपुर में एक गंभीर मामला सामने आया है जिसमें एक दरोगा पर 1000 किमी तक एक युवती के साथ छेड़खानी और अश्लीलता करने का आरोप लगाया गया है। घटना की शुरुआत 22 सितंबर को हुई जब एक 21 वर्षीय युवती लापता हो गई और उसके परिवार ने रेलबाजार थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की जांच फेथफुलगंज चौकी इंचार्ज गजेंद्र सिंह को सौंपी। गजेंद्र ने सर्विलांस के जरिए युवती की लोकेशन मुंबई में पाई और पुलिस टीम के साथ युवती को बरामद किया। हालांकि युवती के भाई के अनुसार दरोगा ने उसे नासिक में उतार दिया और कहा कि झांसी में एक और लड़की को बरामद करना है। इसके बाद दरोगा ने युवती के भाई को ट्रेन से कानपुर भेज दिया जबकि खुद दरोगा और पुलिसकर्मी कार से कानपुर पहुंचे।
युवती ने बताया कि नासिक से लेकर कानपुर तक दरोगा ने उसके साथ अश्लीलता की। यह सब लगभग 1000 किमी तक चलता रहा। युवती की शिकायत के बावजूद पुलिस अधिकारियों ने मामले को दबाने का प्रयास किया। दरोगा गजेंद्र सिंह को पहले लाइनहाजिर किया गया लेकिन जब मामला मीडिया में उजागर हुआ तब पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने उन्हें निलंबित कर दिया और विभागीय जांच के आदेश दिए युवती के परिवार का कहना है कि उनके पति का इंतकाल हो चुका है और परिवार में तीन बेटे और दो बेटियां हैं। इस घटना के बाद परिवार काफी चिंतित है और न्याय की उम्मीद कर रहा है।
यह मामला केवल एक व्यक्तिगत अनुभव नहीं है बल्कि यह पुलिस व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता को भी उजागर करता है। पुलिस पर जनता का विश्वास बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है, और ऐसे मामलों में त्वरित और कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या पुलिस वास्तव में अपने कर्तव्यों का पालन कर रही है या कुछ तत्व इसे अपने लाभ के लिए उपयोग कर रहे हैं।