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शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर बांग्लादेशी सरकार का कड़ा बयान

ढाका (बांग्लादेश):  बांग्लादेशी अंतरिम सरकार के कानून मंत्री आसिफ नजरुल ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बयान दिया जिसमें उन्होंने भारत सरकार को चेतावनी दी है कि यदि वह पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण से इनकार करता है तो बांग्लादेश इसका कड़ा विरोध करेगा। आसिफ नजरुल ने कहा कि शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए भारत को कोई भी कानूनी बाधा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश इस मुद्दे को उच्चतम स्तर पर उठाने के लिए तैयार है।

यह बयान उस समय आया है जब बांग्लादेश में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। शेख हसीना, जो पिछले एक दशक से अधिक समय से बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रही हैं को विभिन्न राजनीतिक कारणों से भारत में शरण लेने के लिए कहा गया है। आसिफ नजरुल ने स्पष्ट किया कि बांग्लादेश के संविधान और कानूनों के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री का प्रत्यर्पण अनिवार्य है ताकि उन्हें न्याय का सामना करना पड़े।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच दोस्ताना संबंधों को देखते हुए भारत को इस मामले में सकारात्मक रुख अपनाना चाहिए। आसिफ नजरुल ने यह भी उल्लेख किया कि अगर भारत इस मामले में सहयोग नहीं करता है, तो बांग्लादेश अपनी स्थिति पर पुनर्विचार करने के लिए बाध्य होगा जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का यह बयान क्षेत्रीय राजनीति में नई हलचल ला सकता है और दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा सकता है। आसिफ नजरुल ने सभी पार्टियों से संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से समाधान खोजने की अपील की।

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