नई दिल्ली-ईरान और इजराइल के बीच चल रहे संघर्ष ने न केवल मध्य पूर्व बल्कि पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है। इस युद्ध के प्रभाव से ग्लोबल इकोसिस्टम में हलचल मची हुई है, जिसमें असरदार तेल की मात्रा, गैस के मसाले और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति शामिल है। इससे बेरोजगारी बढ़ने की आशंका है, जो आम आदमी की जेब पर भारी दबाव है। लेकिन हर नुकसान के साथ कुछ फायदे भी होते हैं, आइए जानते हैं इस संघर्ष से किसे नुकसान होगा और किसे फायदा मिल सकता है।
1. तेल और गैस की आबादी में उछाल: स्थापत्य की मार
ईरान दुनिया का सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है। यदि ईरान और इजराइल के बीच युद्ध और अशांति है तो इसका असर कच्चे तेल की आपूर्ति पर है। तेल की कमी के कारण यहां में भारी उछाल आ सकता है, जिससे पेट्रोल और डीजल के उत्पादों में बढ़ोतरी हो सकती है। इसका असर आम आदमी की दोस्ती पर असर होता है। ट्रांसपोर्ट महंगा हो जाएगा, जिससे-पीने की कंपनी, कपड़े, और अन्य सामान की वस्तुएं सामान हो जाएंगी।
2. एसोसिएशन की दूसरी लहर: कॉमर्स की दूसरी लहर
युद्ध के चलते अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अस्थिरता आ सकती है, खासकर उन वस्तुओं के आयात-निर्यात में जो मध्य पूर्व से हैं। इस कारण से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में कमी आएगी और उनके तालाब में आपूर्ति देखने को मिलेगी। अनाज, फल, सब्जी जैसे अनाज, फल, सब्जी आदि पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है। आम आदमी हर रोज इस्तेमाल होने वाली सिगरेट के लिए ज्यादा पैसे खर्च कर सकता है।
3. शेयर बाजार में अस्थिरता: निवेशकों के लिए चुनौती
वॉर की वेबसाइट से ग्लोबल शेयर में बदलाव देखने को मिल सकता है। जिन संस्थानों का व्यापार मध्य पूर्व पर स्वीकृत है, उनकी शेयर गिर सकती हैं। इससे किसी उद्यम को बड़ा नुकसान हो सकता है। हालाँकि, सोने जैसी सुरक्षित व्यवस्था में निवेश करने से लोगों को फ़ायदा हो सकता है, क्योंकि अनिश्चितता के दौर में सोने की चीज़ें बढ़ती हैं। ऐसे में सोने में निवेश करने वाले लोगों को फायदा हो सकता है।
4. रक्षा उद्योग और हथियार निर्माता कंपनियों को लाभ
एक ओर जहां ज्यादातर कंपनियों को नुकसान होगा, वहीं रक्षा उद्योग और हथियार निर्माता कंपनियों को इस जंग से फायदा हो सकता है। युद्ध के दौरान बेरोजगारी की मांग बहुतायत है, जिससे इस क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी के शेयर बाजार में उथल-पुथल देखी जा सकती है।
5. रोजगार के अवसरों पर प्रभाव: दोनों तरफ की स्थिति
तेल और गैस की विशिष्टता में कमी के कारण, शेष रोजगार के अवसरों में कमी हो सकती है। वहीं, कुछ देशों में बढ़ती वृद्धि के कारण कंपनियों को अपने उत्पादों और सेवाओं के स्तर में बढ़ोतरी हो सकती है। इससे नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
आम आदमी को कैसे बचना चाहिए?
इस वैश्विक पोर्टफोलियो के समय में आम आदमी को अपने वित्तीय निर्णयों को सोच-समझकर लेना चाहिए। रोजमर्रा के खर्चों को कम करना और अपनी बचत शर्तों पर ध्यान देना जरूरी होगा। सोने जैसी संपत्ति में निवेश शेयर करना खतरनाक हो सकता है, जबकि बाजार में सावधानी से निवेश करना जरूरी है।